Cg Jogi Congress News | कांग्रेस भाजपा को टक्कर देने जोगी कांग्रेस का नया दाव
1 min readCg Jogi Congress News | Congress will take on BJP’s new claim
बिलासपुर। टिकट वितरण के बाद कांग्रेस और भाजपा के कई दावेदार बगावत करके जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इनमें से कुछ अच्छा जनाधार रखते हैं, जिससे अनेक सीटों पर पिछली बार की तरह त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बन सकती है।
बिलासपुर संसदीय सीट की कई सीटों पर स्व. अजीत जोगी के नाम पर वोट मिलते हैं। बिलासपुर संसदीय सीट से दो विधायक डॉ. रेणु जोगी व धर्मजीत सिंह तथा कोरबा के मरवाही से खुद अजीत जोगी ने सन् 2018 में जीत हासिल की थी। प्रदेश में भारी बहुमत मिलने के बावजूद कांग्रेस की स्थिति यहां कमजोर थी, क्योंकि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने प्रायः सभी सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बना दी थी। इसका लाभ भाजपा को मिला।
इस बार पार्टी ने अभी तक अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं, पर संकेत दिया जा चुका है कि कौन लड़ने जा रहा है। रणनीति यह दिखाई दे रही है कि जो लोग अब तक पार्टी से जुड़े हुए हैं, उनकी बजाय दूसरे दलों से आने वाले प्रभावशाली चेहरों को टिकट देकर संघर्ष किया जाए।
मस्तूरी विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट नहीं मिलने पर पूर्व सांसद कमला पाटले की बेटी जिला पंचायत सदस्य चांदनी भारद्वाज ने इस्तीफा दे दिया है। पार्टी पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उन्होंने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) की सदस्यता ले ली है। उन्होंने टिकट मिलने पर जोगी की पार्टी से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। यहां पर भाजपा विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, कांग्रेस के पूर्व विधायक मदन लहरिया तथा बसपा के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व विधायक दाऊराम रत्नाकर मैदान में उतर चुके हैं। पिछली बार बसपा उम्मीदवार यहां दूसरे स्थान पर थे, जिन्हें समझौते के तहत जेसीसी (जे) ने समर्थन दिया था।
लोरमी विधानसभा सीट में भी बड़ी बगावत हुई है। मुंगेली जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सागर सिंह बैस ने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और जेसीसी जे की सदस्यता ले ली है। लोरमी से ‘बाहरी प्रत्याशी’ थानेश्वर साहू को कांग्रेस टिकट देने के विरोध में उन्होंने यह फैसला लिया है। यहां से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव मैदान में है। दो साहू प्रत्याशियों के बीच बैस के चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
कोटा विधानसभा सीट से पिछली बार की तरह विधायक डॉ. रेणु जोगी ही लड़ेंगी इसकी घोषणा नहीं की गई है। हालांकि डॉ. जोगी क्षेत्र में लगातार दौरे कर रही है। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव हैं। भाजपा ने यहां से प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को टिकट दी है। श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि जोगी कांग्रेस ने कांग्रेस को कोटा से हराने के लिए बीजेपी के साथ डील की है। कोटा से डॉ. जोगी लड़ें या कोई और यहां से त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बनना निश्चित दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस में बिल्हा से भी असंतोष फूटा है। पिछली बार के प्रत्याशी कृषि उपज मंडी अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला ने अपने समर्थकों के साथ बैठक लेकर जेसीसी (जे) से वापस कांग्रेस में आए सियाराम कौशिक को टिकट देने का विरोध किया है। पर, अब तक बगावत में कोई बड़ा नाम सामने नहीं आया है। यहां से भाजपा के मौजूदा विधायक धरमलाल कौशिक फिर मैदान में हैं। यहां आम आदमी पार्टी की वजह से इस बार त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बन सकती है।
बेलतरा सीट से भी कांग्रेस टिकट जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी को देने का विरोध हुआ है। यहां से एक बार बगावत कर चुनाव लड़ चुके त्रिलोक श्रीवास ने सैकड़ों समर्थकों के बीच ऐलान किया है कि वे एक दो दिन के भीतर चुनाव लड़ने के बारे में निर्णय लेंगे। भाजपा ने यहां से अब तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। पिछला चुनाव त्रिकोणीय संघर्ष में भाजपा के रजनीश सिंह ठाकुर ने जीता था।
इस तरह से बेलतरा और बिल्हा में जेसीसी ( जे) की क्या भूमिका रहेगी अभी साफ नहीं है। पर जिले की हाईप्रोफाइल सीट बिलासपुर में मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है। सन् 2018 की तरह भाजपा से अमर अग्रवाल और कांग्रेस से विधायक शैलेष पांडेय फिर मैदान में हैं। पिछली बार यह माना गया था कि ब्राह्मण मतदाताओं ने पांडेय के पक्ष में एकमुश्त वोट डाले थे। इस बार फिल्मों में अभिनय के चलते शहर में पहचान बना चुके अखिलेश पांडेय ने जोगी की पार्टी की सदस्यता ले ली है। उन्हें बिलासपुर से मैदान में उतारे जाने की संभावना है। ऐसा होने पर शैलेष पांडेय को अपने पिछली बार मिले वोटों को संभालने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी, वहीं भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल के लिए संघर्ष कुछ आसान हो जाएगा। पिछले चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने यहां से कमजोर उम्मीदवार खड़ा किया था।