Cg Breaking | Suspicious death of Congress leader Jeevan Thakur, serious questions raised on the entire matter from jail transfer to treatment
रायपुर/कांकेर। कांग्रेस नेता और सर्व आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष जीवन ठाकुर की रायपुर मेकाहारा अस्पताल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। ठाकुर वन अधिकार पट्टा घोटाले के मामले में चारामा से गिरफ्तार होकर जेल में सजा काट रहे थे। सेंट्रल जेल प्रशासन का कहना है कि उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी, लेकिन परिवार और समाज के लोगों ने जेल प्रबंधन को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए हत्या का आरोप लगाया है।
बिना सूचना कांकेर से रायपुर जेल शिफ्ट
जीवन ठाकुर को 12 अक्टूबर को गिरफ्तार कर जिला जेल कांकेर में रखा गया था। परिजनों के मुताबिक 2 दिसंबर को उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के रायपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया। न स्थानांतरण की जानकारी दी गई, न स्वास्थ्य खराब होने की। 4 दिसंबर की सुबह 4:20 बजे उन्हें मेकाहारा में भर्ती किया गया और 7:45 बजे उनकी मौत हो गई। परिवार को इसकी जानकारी शाम 5 बजे मिली।
परिजन सवाल उठा रहे हैं कि –
• तबीयत बिगड़ रही थी तो समय पर इलाज क्यों नहीं दिया गया?
• रेफर करने के बाद भी सूचना क्यों छिपाई गई?
• अचानक शिफ्टिंग का कारण क्या था?
आदिवासी समाज में उबाल, थाना चारामा में ज्ञापन
मौत की खबर फैलते ही आदिवासी समाज में नाराजगी बढ़ गई। समाज के प्रतिनिधियों और परिवार ने जेल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही व हत्या का आरोप लगाते हुए चारामा थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
दीपक बैज का आरोप
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि –
• वर्तमान सरकार ने जीवन ठाकुर पर फर्जी FIR दर्ज कराई।
• जेल में उन्हें समय पर भोजन और इलाज नहीं मिला।
• जानबूझकर उनकी हालत बिगाड़ी गई।
• इस घटना ने आदिवासी समाज को आक्रोशित कर दिया है।
बैज ने कहा कि वे अंतिम संस्कार में शामिल होने कांकेर जा रहे हैं और आदिवासी नेताओं के साथ इस मुद्दे पर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
जीवन ठाकुर की मौत कई गंभीर सवाल खड़े करती है। परिजनों, आदिवासी समाज और कांग्रेस नेताओं ने स्वतंत्र जांच की मांग की है, ताकि मौत की असली वजह सामने आ सके।
