April 16, 2025

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Cg Breaking | नवा रायपुर किसान मौत मामले में जांच रिपोर्ट आई सामने, दोषी का चला पता, पढ़िए पूरी खबर

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Investigation report came out in Nava Raipur farmer death case, culprit found out, read full news

रायपुर। नया रायपुर में किसान आंदोलन में शामिल एक किसान की मौत के लिए दंडाधिकारी जांच में आयोजकों यानी नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति को दोषी माना गया है। इस मामले की जांच रिपोर्ट में भीषण गर्मी और लू की आशंका के मद्देनजर जनहित में आंदोलन खत्म करने की अनुशंसा की गई है।

11 मार्च 2022 को नया रायपुर में नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति द्वारा धरना व रैली का आयोजन किया गया था। इस रैली के जरिए मंत्रालय में आवेदन देने की योजना थी। जांच में यह बात सामने आई है कि आंदोलन की प्रशासन से अनुमति नहीं थी। नवा रायपुर किसान कल्याण समिति के पदाधिकारियों या अध्यक्ष ने विधिवत अनुमति नहीं होने के बावजूद सभी गांव में प्रचार प्रसार कर किसानों को आंदोलन में हजारों की संख्या में लाया गया था। किसानों की सुविधा के लिए पंडाल या पेयजल की व्यवस्था नहीं थी। इस वजह से कोई अनुशासन नहीं होने के कारण अव्यवस्था थी।

किसानों की भीड़ को देखते हुए नया रायपुर विकास प्राधिकरण के माध्यम से कार्यालय के पास ही काउंटर लगाकर आवेदन लेने के लिए पंडाल, पेयजल टैंकर व एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी। जांच में यह बात सामने आई है कि जब रैली में शामिल लोग प्रशासन द्वारा लगाए गए काउंटर पर अपने आवेदन जमा करना शुरू किया तो आयोजकों द्वारा जनसमुदाय को आवेदन जमा करने से रोका गया। सियाराम पटेल भी उन्हीं किसानों में शामिल था, जो समिति के विरोध के बावजूद काउंटर पर आवेदन जमा करने के लिए पहुंचा था।

किसान को पहले ही हाई ब्लड प्रेशर था –

दंडाधिकारी जांच में मृत किसान सियाराम पटेल के पुत्र हीराराम पटेल ने बताया कि उसके पिता को हाई ब्लड प्रेशर था और कभी कभार दवाई लेते थे। सियाराम ने अपने बेटे को बताया था कि किसान नेताओं ने घोषणा की थी कि हर गांव से प्रत्येक परिवार के एक-एक व्यक्ति को शामिल होना आवश्यक है, तभी किसानों को आवास के लिए पट्टा व भूअर्जन का अधिक से अधिक मुआवजा मिलेगा। इस वजह से उसके पिता शामिल होने गए थे। शाम पांच बजे सियाराम का स्वास्थ्य खराब हो गया। इसके बाद प्रशासन द्वारा रखी गई एंबुलेंस पहुंची और स्वास्थ्य कर्मी पास के अस्पताल ले जाने लगे। इस पर भी किसान समिति द्वारा सियाराम को अस्पताल ले जाने से रोकते हुए मीडिया को बुलाने की बात सामने आई है। हालांकि गंभीर स्थिति को देखते हुए बाल्को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। जांच समिति ने कहा है कि इस आंदोलन के मुख्य आयोजनकर्ता रूपन चंद्राकर और समिति के अन्य सदस्यों का रवैया लापरवाहीपूर्ण है। इस वजह से ही किसान की मौत हुई।

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