Cg Breaking | प्रदेश के 5 निजी अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई, आयुष्मान और DKBS योजना में अनियमितता का आरोप
1 min readCg Breaking | Health department’s action on 5 private hospitals of the state, allegations of irregularities in Ayushman and DKBS scheme
रायपुर। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजनांतर्गत पंजीकृत अस्पतालों का ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से उपचार लेने वाले मरीजों का आॅडिट किया जाता है। विगत दिनों इस ऑडिट के दौरान कुछ अनुबंधित निजी अस्पतालों में गड़बड़ियां पाई गई थी। ऐसे रायपुर व बिलासपुर के पांच अस्पतालों के खिलाफ निलंबन व अर्थदण्ड की कार्यवाही की गई है।
संचालक स्वास्थ्य सेवायें सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डाॅ.खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना राज्य नोडल एजेंसी रायपुर के द्वारा ऑडिट में गड़बड़ी पाये जाने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही के आदेश जारी कर दिये गये हैं। नवापारा रायपुर का अंजली नर्सिंग होम, माहेर हाॅस्पिटल व शाॅह नर्सिंग होम व बिलासपुर का बालाजी हाॅस्पिटल के साथ रायपुर के रामकृष्ण केयर हाॅस्पिटल के खिलाफ कार्यवाही की गई है।
यह हुई कार्यवाही –
बिलासपुर के श्रीबालाजी हाॅस्पिटल को एक साल के लिये निलंबित, नवापारा रायपुर के अंजली नर्सिंग होम के खिलाफ तीन लाख का अर्थदण्ड व एक साल का निलंबन, नवापारा रायपुर के ही माहेर हाॅस्पिटल के खिलाफ पांच लाख का अर्थदण्ड व एक साल का निलंबन, नवापारा रायपुर के ही शाॅह नर्सिंग होम के खिलाफ तीन लाख का अर्थदण्ड व एक साल के निलंबन की कार्यवाही हुई है। इसके अलावा रायपुर पचपेड़ी नाका स्थित रामकृष्ण केयर हाॅस्पिटल के खिलाफ योजनांतर्गत उपचारित मरीजों से अतिरिक्त राशि लिये जाने के मामले में राशि 6,16,834/- का अर्थदण्ड लिया गया है साथ ही इतनी ही राशि संबंधित मरीजों को वापस दिलायी गई है।
टोल फ्री नंबर में करें शिकायत –
योजनांतर्गत पंजीकृत अस्पतालों में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर मरीज या उसके परिजन सीधे टोल फ्री नंबर 104 या 14555 में शिकायत कर सकते हैं। शिकायत के आधार पर त्वरित कार्यवाही की जाती है। इसके अलावा उपचारित मरीजों की आॅनलाईन साॅफ्टवेयर में उपलब्ध डेटा का आॅडिट भी लगातार संबंधित चिकित्सकों के द्वारा किया जाता रहता है। इसके आधार पर भी राज्य नोडल एजेंसी रायपुर द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की जाती है जिससे मरीजों को निःशुल्क व समुचित उपचार मिल सके।