Cg Breaking | दिवंगत नेता मंडावी की पत्नी पर कांग्रेस को भरोसा, होंगी CONGRESS की प्रत्याशी, प्रोफेसर पद से दिया इस्तीफा
1 min readCongress has confidence in late leader Mandavi’s wife, will be Congress candidate, resigns from the post of professor
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मनोज मंडावी के निधन से रिक्त हुई बस्तर संभाग के कांकेर संसदीय क्षेत्र की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में दिवंगत दिग्गज नेता मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी। इसका स्पष्ट संकेत चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद आज उनके द्वारा शिक्षक की नौकरी से इस्तीफा देने के साथ मिल गया है।
दिवंगत विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी ने शासकीय सेवा से त्यागपत्र दे दिया है। इसके साथ ही यह तय माना जा रहा है कि कांग्रेस ने स्व. मंडावी के अधूरे कार्य को पूरा करने का जिम्मा उनकी पत्नी को सौंपने का फैसला कर लिया है। सिर्फ ऐलान की औपचारिकता बाकी है।
सावित्री मंडावी रायपुर के कटोरा तालाब स्थित स्कूल में शिक्षिका के पद पर कार्य कर रही थीं। हाल ही यह चर्चा तेज गति से चल रही है कि कांग्रेस स्व. मनोज मंडावी की राजनीतिक विरासत उनकी पत्नी को सौंप सकती है। अब यह सुनिश्चित समझा जा रहा है कि सावित्री मंडावी ही भानुप्रतापपुर उपचुनाव में कांग्रेस की ध्वजवाहक होंगी।
विदित है कि गत माह विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का हृदयाघात से निधन हो गया। उस समय वे धमतरी के सर्किट हाउस में रुके हुए थे। अगले दिन सुबह उनके सीने में अचानक दर्द हुआ। जिसके बाद उन्हें धमतरी के अस्पताल ले जाया गया था। जांच के बाद डॉक्टरों ने मनोज मंडावी को मृत घोषित कर दिया था। उनके निधन पर कांग्रेस के साथ ही राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई थी। उपचुनाव के मद्देनजर यदि 2018 के भानुप्रतापपुर सीट के चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज सिंह मंडावी को 72,520 वोट मिले थे। भाजपा के देवलाल दुग्गा दूसरे नंबर पर थे, उन्हें 45,827 मत प्राप्त हुए थे।
चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार खड़ा किया था, आप प्रत्याशी कोमल हुपेंडी को 9634 वोट मिले थे। हुपेंडी तीसरे स्थान पर रहे। साथ ही जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रत्याशी मानक दरपट्टी को 9611 मत प्राप्त हुए थे। यानि भानुप्रतापपुर में आप ने जोगी कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन किया था। अब हालात बदल गए हैं और सियासी समीकरण भी एकदम अलग हैं। कांग्रेस को भरोसा है कि मनोज मंडावी का काम और नाम ही पर्याप्त है। फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा किये जा रहे काम से यह उपचुनाव जीतने में कोई दिक्कत नहीं है।
बल्कि चुनाव के मुकाबले उपचुनाव और अधिक अंतर से जीता जा सकता है। दूसरी ओर भाजपा भी इस उपचुनाव को गंभीरता से ले रही है। भाजपा देवलाल दुग्गा को मैदान में उतारेगी या विकल्प तलाशेगी, इस पर नजर टिक गई है। जहां तक कांग्रेस की बात है तो सब कुछ साफ दिख चुका है।