CG BREAKING | सीएम भूपेश ने खोला पिटारा, संविदा कर्मचारियों के हित से लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं .. “ग्रामीण आवास न्याय योजना” का भी ऐलान
1 min readCG BREAKING | CM Bhupesh opened the box, many important announcements ranging from the interest of contract employees .. “Rural Housing Justice Scheme” was also announced
रायपुर। अनुपूरक बजट के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की 2000 करोड़ रूपए की महत्वपूर्ण घोषणाएं
लगभग 5 लाख शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी, इस प्रकार मूल वेतन पर अब तक कुल 42 प्रतिशत बढ़ोत्तरी, 4 प्रतिशत बढ़ोत्तरी होने से 800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
37000 संविदा कर्मियों के वेतन में 27 प्रतिशत वृद्धि, इससे 350 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
दैनिक वेतन भोगी के वेतन में 4000 रुपए मासिक वृद्धि, इससे 240 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
1650 अतिथि शिक्षकों के वेतन में 2 हजार रुपए मासिक की बढ़ोत्तरी, इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
6000 पटवारियों को 500 रुपए मासिक संसाधन भत्ता, इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
सभी शासकीय सेवकों को 7 वें वेतनमान पर बी श्रेणी शहर हेतु 9 प्रतिशत एवं सी तथा अन्य शहरों हेतु 6 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता दिया जाएगा। इससे 265 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
सभी पुलिस आरक्षकों को 8000 रुपए किट वार्षिक भत्ता दिया जाएगा। इसका 40 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
मितानिन ट्रेनर, ब्लाक कोआर्डिनेटर एवं हेल्प डेस्क आपरेटर को प्रतिदिन दैनिक प्रोत्साहन भत्ता 100 रुपए दिया जाएगा। इससे 11 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
10 हजार पंचायत सचिवों को 2500 से 3000 रुपए मासिक दिया जाएगा। इससे 50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। इसके अतिरिक्त उन्हें अर्जित अवकाश, दस लाख रुपए तक की उपादान राशि एवं पांच लाख रुपए तक चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति का लाभ भी दिया जाएगा।
शासकीय सेवकों के लिए उपरोक्त घोषणाओं से कुल 1764 करोड़ रुपए का व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना अंतर्गत अधिकतम सहायता राशि की सीमा 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है।
सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2011 की सर्वे सूची के आधार पर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की पात्रता निर्धारित होने से जरूरतमंद परिवारों को आवास स्वीकृत करने में कठिनाई हो रही थी। इसे दूर करने राज्य के संसाधनों से ग्रामीण आवास न्याय योजना आरंभ की जाएगी। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।