Cg Breaking | ED पर फिर भड़के सीएम भूपेश बघेल, पूछा भाजपा शासित राज्यों में ईडी का ऑफिस नहीं ?
1 min readCg Breaking | CM Bhupesh Baghel got angry again on ED, asked if there is no ED office in BJP ruled states?
रायपुर. छत्तीसगढ़ में पड़े ईडी के छापे पर सीएम बघेल ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. सीएम बघेल ने कहा, आज छत्तीसगढ़ में फिर ईडी के छापे पड़े हैं. उद्योगपति, व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, विधायक, अधिकारी, किसान कोई ऐसा वर्ग बचा नहीं है जहां छापा ना डाला हो. छापा नहीं डलता तो केवल मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक में लगता है वहां ईडी का ऑफिस ही नहीं है.
आगे सीएम बघेल ने कहा, महाराष्ट्र में जब तक उद्धव ठाकरे तक की सरकार थी तब तक ईडी, सीबीआई, सेंट्रल एजेंसी सब सक्रिय थी. जैसे ही सरकार बदली खरीद-फरोख्त हुआ, उसके बाद से उसका कोई काम नहीं रहा है. भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के नेता और राष्ट्र नेताओं द्वारा सब किया जा रहा है. ईडी निष्पक्ष होना चाहिए. कर्नाटक में जहां 6 करोड़ एक विधायक के यहां मिला उसको बेल मिल गया. आज पता चला हाईकोर्ट ने उस बेल को खारिज कर दिया. वहां छापा नहीं डालते यह स्थिति देश की है.
आप जरा क्रोनोलॉजी समझिए… #DemocracyDisqualified pic.twitter.com/QoOFUGH86c
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 28, 2023
आज छत्तीसगढ़ में फिर ED आयी है.
पहले महाराष्ट्र में सभी सरकारी एजेंसी खूब जाती थीं, लेकिन जैसे ही ख़रीद-फ़रोख़्त से “खोखे OK” वाली सरकार बनी, एजेंसियाँ महाराष्ट्र नहीं जा रही हैं.
महादेव एप में भाजपा के लोगों का नाम आया तो अब कार्रवाई नहीं हो रही है. pic.twitter.com/50tqDhMv5t
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 28, 2023
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आधार पर अडानी जिसका 60% संपत्ति की कमी आ गई. वहां ईडी का छापा नहीं पड़ता, सीबीआई कार्रवाई नहीं करती. लाखों करोड़ों रुपया फंसा है. यहां नान में चिटफंड कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते, मैंने सुना है महादेव ऐप में भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के नेताओं के भी नाम आ गए हैं. इस कारण से महादेव ऐप के बारे में बीजेपी के लोग चर्चा नहीं करते. ईडी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
आगे सीएम बघेल ने कहा, अमित शाह के शब्दों में यह क्रोनोलॉजी समझिए, जैसे ही राहुल जी लोकसभा में बोले, यहां रायपुर के अधिवेशन में उन्होंने कहा उसके बाद लोकसभा पूरी तरह बाधित हो गई. सत्ता पक्ष द्वारा चलने नहीं दिया गया. माफी मांगने के नाम से, उसके बाद गुजरात के कोर्ट में कर्नाटक के मामले में जो केस लगाया था मानहानि का उसकी गुजरात में शिकायत की गई. शिकायतकर्ता अपनी ही केस में हाईकोर्ट में स्टे ले लिया. 2019 का मामला है. 7 फरवरी को जैसे ही राहुल जी ने यह बात कही 16 फरवरी को हाईकोर्ट में स्टे लगा. 16 मार्च तक सब सुनवाई हो गई. 23 मार्च को फैसला आ गया. 24 मार्च को सदस्यता रद्द कर दी गई. यह इसी प्रकार की क्रोनोलॉजी है.
अडानी को हटाने के खिलाफ जांच की मांग करें तो बीजेपी के लोग हमारे खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, तो क्या अडाणी भाजपा में है? जब हिंडनबर्ग कि रिपोर्ट आई तो अडानी ने खुद ही कहा था कि, यह भारत पर हमला है इसका मतलब क्या समझा जाए?