Cg Big News | हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों की खड़ी फसल चौपट, रात भर जगने को मजबूर ग्रामीण
1 min readVillagers’ standing crop destroyed due to elephants, villagers forced to stay awake overnight
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। हाथियों के उत्पात से जहां ग्रामीणों की खड़ी फसल चौपट हो गई है। वहीं ग्रामीण अपने परिवार के महिला बच्चों को हाथियों से सुरक्षित करने को लेकर दूसरे गावों में शरण ले रहे हैं। अब स्थिति ये है कि लोग अपने घरों में रखे अनाजों को हाथियों से बचाने के लिए दूसरे जगह भेज रहे हैं तो ग्रामीण वन अमले को निष्क्रिय बतलाते हुए हाथियों को अपने गांव से खदेड़ने के लिए पटाखों और मशालों का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि हाथियों पर पटाखों और मशालों से खदेड़ने में हाथी गुस्सा होकर ग्रामीणों को भी दौड़ा रहा है तो जवाबदार सभी चीजों से खुद को अनजान बतला रहे हैं।
इन वन मंडलों में हाथी का उत्पात –
इन दिनों मरवाही वन मंडल व कटघोरा वन मंडल के सीमावर्ती क्षेत्र पेंड्रा और पसान वन परिक्षेत्र के सीमावर्ती गांव में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है। 22 हाथियों का समूह पिछले लगभग 1 सप्ताह से पसान के खमरिया गांव में अपना डेरा जमा रखा है। हाथी दिन में तो एक स्थान पर रहता है पर रात होते ही यह ग्रामीण इलाकों में घुसने लगता है। लोगों के घरों में रखे अनाजों को चट कर जाते है। ऐसे में हाथी के आगे ग्रामीण बेबस नजर आ रहे हैं।
रात भर जगने को मजबूर ग्रामीण –
ग्रामीणों को डर है कि हाथी अगर उनके अनाज को खा जाएगा तो आने वाले दिनों में इनके पास खाने-पीने की समस्या होने लगेगी। हालांकि हाथियों के समूह ने पिछले सप्ताह भर में ग्रामीणों की खेतों में खड़ी फसल और गाड़ियों में लगे साग सब्जी के साथ घर के मवेशियों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। हाथियों के उत्पात से सीमावर्ती वन क्षेत्रों के लगभग आधा दर्जन से अधिक गांव के लोग काफी प्रभावित है और ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं।
मशाल के सहारे हाथियों को भगा रहे है –
वहीं ग्रामीण हाथियों से निपटने में वन विभाग को निष्क्रिय बता रहा है और अब ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में हाथियों को अपने गांव से खदेड़ने के लिए खुद कमर कस ली है। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जंगल में उतरे और हाथियों को जंगल से खदेड़ा। इसके लिए ग्रामीणों ने आपस में चंदा कर पटाखे और मशाल के सहारे अब हाथियों को अपने गांव से भगा रहे हैं।
रेंजर धर्मेंद्र चौहान क्या बोला –
इस मामले में जब हमने कोरबा जिले के पसान वन परिक्षेत्र के प्रभारी रेंजर धर्मेंद्र चौहान से बात की तो उन्होंने फटाके और मशाल से हाथियों को भगाए जाने और खदेड़ने की बात को सिरे से नकार दिया है। पिछले दिनों प्रदेश के वन मंत्री ने साफ साफ यह कहा था कि हाथी प्रभावित क्षेत्रों में हाथियों के साथ छेड़छाड़ ना किया जाए। ना ही किसी प्रकार से पटाखे और मसाल का उपयोग कर हाथियों को आक्रोशित ना करें। कोई ऐसा करता है तो उस पर कार्रवाई करें। यहां पर ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। यहां तक कि सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जंगल के अंदर हाथियों को खदेड़ रहे थे। इस दौरान एक भी वन कर्मी जंगल के अंदर मौजूद नहीं था।