Cg Big News | नक्सल हिंसा से पीड़ित आदिवासियों की होगी वापसी, सीएम ने किया पुनर्वास का ऐलान
1 min readTribals suffering from Naxal violence will return, CM announces rehabilitation
रायपुर। नक्सल हिंसा की वजह से घर से बेघर हुए आदिवासियों के लिए भूपेश सरकार ने बड़ा फैसला किया हैं। सीएम ने कहा हैं
कि नक्सल हिंसा के कारण जो भी आदिवासी घर छोड़ चुके हैं व वापस लौटना चाहते हैं, तो प्रदेश सरकार उनकी पूरी सुरक्षा और रहने का बंदोबस्त करेगी।
बता दे कि पिछले कुछ समय से आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से कई आदिवासी ग्रामीण छत्तीसगढ़ सरकार से मदद मांग रहे। ये वही आदिवासी ग्रामीण हैं, जो सालों पहले नक्सलियों के आतंक से तंग आकर छत्तीसगढ़ छोड़ पड़ोसी राज्यों में चले गए। मामला उजागर हुआ तो अब इनकी तरफ छत्तीसगढ़ सरकार ने मदद का हाथ बढ़ाया है।
बताते चले कि सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने ऐसे ही आदिवासी ग्रामीणों के प्रतिनिधी मंडल समाज सेवी शुभ्रांशु चौधरी पहुंचे। सीएम ने इन आदिवासियों की समस्या को सुनकर कहा है कि सलवा जुडूम के दौरान छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा से विस्थापित कर तेलंगाना और आंध्रप्रदेश गए। छत्तीसगढ़ के लोग यदि वापस आना चाहते हैं, तो राज्य सरकार उनका दिल से स्वागत करने को तैयार है। कार्ययोजना बनाकर उनके पुनर्वास के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जाएगा।
अफसरों को मिली बड़ी जिम्मेदारी –
वही, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा को भी उचित कदम उठाने के लिए सीएम ने कहा हैं। आदिवासी प्रतिनिधि ने सीएम से मांग की थी कि किसी उपयुक्त स्थान में बसने कृषि के लिए जमीन उपलब्ध कराएं। इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी दी गई हैं।
वही, पूरी मुहिम को करीब से समझने वाले समाजसेवी शुभ्रांशु ने बताया कि आदिवासियों से मिलते वक्त मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए काफी सकारात्मक ढंग से इस विषय को हैंडल किया। उन्होंने कहा कि जो ग्रामीण आएंगे उनके लिए गांव बसाए जाएंगे। इस बात का ध्यान भी रखा जाएगा कि उन्हें पूरी सुरक्षा मिले। बस्तर जिला प्रशासन के अफसरों से भी वो जल्द इस पर बात करेंगे। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि वो अपने पुराने गांव नहीं जाना चाहते क्योंकि वहां नक्सली अब भी उनसे दुश्मनी पाले बैठे हैं।
दूसरी जगहों पर किया जाएगा शिफ्ट –
सीएम ने कहा कि दूसरी जगहों पर ऐसे लोगों को शिफ्ट किया जाएगा। रोजगार की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों को यहां लाए जाने के बाद पढ़े लिखे युवकों को गांव के स्कूलों में शिक्षादूत, खेती करने वालों को कृषि, दूसरे कामगारों बस्तर में मौजूद रोजगार के अवसरों और ट्रेनिंग से जोड़ा जाएगा ताकि वो अपने पैरों पर खड़े हो सकें। शुभ्रांशु ने बताया हैं कि कुछ ऐसे आदिवासी भी हैं जो छत्तीसगढ़ लौटना ही नहीं चाहते वो आंध्र और तेलंगाना में रहना चाहते हैं, तो ऐसे में हम केंद्र सरकार से इस पर बात करने दिल्ली भी जा रहे हैं।