Cg Big News | अब नहीं चलेगा महिला पंचायत प्रतिनिधियों के कामकाज में सगे-संबंधियों का हस्तक्षेप, CEO ने जारी किया कड़ा पत्र
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कबीरधाम । निर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधियों के कामकाज में उनके पति, सगे संबंधी रिश्तेदार में से किसी की दखलअंदाजी नहीं चलेगी। अगर ऐसा हुआ तो पंचायती राज के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बता दे कि इसके लिए जनपद पंचायत CEO की ओर से जनपद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जनपद सदस्यों, ग्राम पंचायत के सरपंच, उपसरपंच व पंचों के नाम पत्र लिखा गया हैं। पत्र में साफ कहा गया है कि महिला पंचायत प्रतिनिधियों के कामकाज में किसी भी रिश्तेदार की दखलअंदाजी को अपराध माना जाएगा। इसके तहत कार्यवाही भी की जाएगी।
विदित हो कि महिला पंचायत प्रतिनिधियों का चयन होने के बाद उनके पति या कोई करीबी रिश्तेदार प्रतिनिधियों के रूप में कार्य करने लगता है। कामकाज की बागडोर पुरुष के हाथों में सौंप दी जाती है। महिला जनप्रतिनिधि घर पर रहकर केवल हस्ताक्षर के लिए जानी जाती हैं। वही, इस मुद्दे को नजरअंदाज ना करते हुए जनपद पंचायत सीईओ ने जिले के लिए एक कड़ा पत्र जारी कर दिया है। इसके अनुसार नियम उलंघन पर कड़ी कार्यवाही होगी।
जनपद पंचायत सीईओ ने लिखा ..
जनपद कवर्धा के सीईओ ने पंचायतीराज संस्थाओं में पदस्थ निर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधियों के काम-काज संचालन के दौरान उनके सगे-संबंधियों के हस्ताक्षेप पर प्रतिबंध लगाने के लिए चिट्ठी जारी की है। इस पत्र में प्रदेश शासन के पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के पत्र का हवाला भी दिया गया है। सीईओ ने लिखा है कि ग्रामीण पंचायतों में महिला पंचायत पदाधिकारियों की भागीदारी के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
महिला पदाधिकारियों को पंचायतों के कामकाज में स्वयं निर्णय लेने के संबंध में सक्षम बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। कामकाज के दौरान पंचायत कार्यालय परिसर के भीतर महिला पंचायत पदाधिकारियों को उनके कोई भी सगे-संबंधी-रिश्तेदार पंचायत के किसी काम में हस्तक्षेप या दखलअंदाजी नहीं करेंगे। न ही पदाधिकारियों, कर्मियों को महिला पंचायत पदाधिकारी की ओर से निर्णय लेकर सुझाव-निर्देश देंगे। ऐसा करने पर संबंधित महिला पंचायत पदाधिकारियों पर पंचायती राज के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने किया सरपंच महिलाओं के पुरुष प्रतिनिधियों से बात करने से इंकार –
बता दे कि कुछ समय पूर्व कबीरधाम जिले के सभी पंचायतों के महिला और पुरुष सरपंचों से विकास के मुद्दे पर कैबिनेट मंत्री व विधायक मोहम्मद अकबर ने ऑनलाइन के जरिए सीधे बात की थी। इस दौरान ने साफ कहा था कि वे महिला सरपंच के पुरुष प्रतिनिधि से बात नहीं करेंगे। जो अपना कर्तव्य निभा रहे हैं और जिन्हें चुना गया है वे केवल उन्हीं से बात करेंगे। इसके बाद जिले के 400 से ज्यादा ग्राम पंचायतों के सरपंचों से उन्होंने अलग से ऑनलाइन बातचीत की थी और ग्राम विकास के मुद्दे पर उनका नजरिया जाना था।
महिला हो या पुरुष स्वयं निभाना होगा अपना कर्तव्य –
पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की सुदृढ़ भागीदारी के लिए चुने हुए सरपंच या पंचायत प्रतिनिधि को ही अपने कामकाज की जिम्मेदारियों का निर्वहन करना चाहिए। चाहे वे महिला हों या पुरुष, उन्हें स्वयं ही अपना कर्तव्य निभाना होगा। इसी दिशा में ही जनपद पंचायत ने पत्र जारी किया है। वैसे नियम भी यही है कि चुने हुए पंचायत प्रतिनिधि ही अपना कामकाज करें।
-विजय दयाराम के., सीईओ, जिपं, कबीरधाम