Cg Big News | छत्तीसगढ़ में फैले है झोलाछाप डॉक्टर, इन 3 जिलों के चिकित्सकों पर गिरी कार्यवाही की गाज, पढ़ें पूरी खबर !
1 min readFake doctors are spread in Chhattisgarh, the action fell on the doctors of these 3 districts, read the full news!
रायपुर। छत्तीसगढ़ में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक तथा यूनानी चिकित्सा पद्धति एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड, रायपुर के रजिस्ट्रार डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि बोर्ड में पंजीकृत तीन आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. गोविन्द राम चन्द्राकर (ग्राम-हनौदा, दुर्ग), डॉ. अजय कुमार जंघेल (ग्राम-पंडरिया, राजनांदगांव) एवं डॉ. खगेश्वर वारे (ग्राम सारंगढ़-रायगढ़) के शैक्षणिक दस्तावेज संबंधित विश्वविद्यालयों से कूटरचित होने की सूचना प्राप्त होने पर उनका पंजीयन प्रमाणपत्र छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक, यूनानी तथा प्राकृतिक चिकित्सा व्यवसायी अधिनियम, 1970 के धारा 19(1)(घ) एवं धारा 29(1)(ग) के तहत निरस्त कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक उक्त चिकित्सकों ने छत्तीसगढ़ बोर्ड में पंजीयन के समय बिहार के बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, पटना (बिहार) से जारी बी.ए.एम.एस. की अंकसूचियां एवं डिग्री प्रमाणपत्र संलग्न किया था।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में पंजीकृत ऐसे आयुर्वेद चिकित्सा व्यवसायी जिन्होंने अन्य राज्यों से बी.ए.एम.एस. की डिग्री प्राप्त की है तथा जिनका पूर्व में संबंधित विश्वविद्यालयों से सत्यापन नहीं हुआ है उनके शैक्षणिक दस्तावेजों को बोर्ड द्वारा सत्यापन करवाया जा रहा है, जिन चिकित्सकों की डिग्रियां फर्जी पायी जायेंगी उनका पंजीयन बोर्ड के अधिनियमों के तहत निरस्त किए जायेंगे।
डॉ. संजय शुक्ला ने बताया उक्त पंजीकृत चिकित्सकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी होने की सूचना प्राप्त होने पर बोर्ड द्वारा गठित सुनवाई समिति के समक्ष चिकित्सकों को पक्ष प्रस्तुत करने हेतु अवसर दिया गया था।
सुनवाई समिति के समक्ष दो चिकित्सकों ने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा किन्तु एक चिकित्सक को बार-बार सूचना भेजने के बावजूद उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा। सुनवाई समिति के समक्ष चिकित्सकों द्वारा प्रस्तुत अभिकथनों को बोर्ड की दिनांक 08 फरवरी 2022 को संपन्न बैठक में रखा गया, जिसमें सर्वसम्मत निर्णय लिया गया कि फर्जी डिग्रीधारी चिकित्सकों का पंजीयन निरस्त किया जावे।
रजिस्ट्रार डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ आयुर्वेदिक तथा यूनानी चिकित्सा पद्धति एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड, रायपुर में कुछ ऐसे आवेदकों ने पंजीयन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है जिन्होंने अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों से डिग्रियां प्राप्त की है, ऐसे आवेदकों डिग्रियों की जांच विश्वविद्यालयों से करवाई गयी जहां से यह सूचना प्राप्त हुई कि आवेदकों की मार्कशीट और डिग्रीयां फर्जी है फलस्वरूप इन आवेदकों का पंजीयन नहीं किया गया है तथा ऐसे आवेदकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इनकी संख्या 15 बताई जार ही है, हालांकि इनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।