Cg Big News | परसा कोल ब्लाक को दी गई स्वीकृति रद्द करने के लिए केन्द्र को छत्तीसगढ़ सरकार ने लिखा पत्र
1 min readChhattisgarh government wrote a letter to the Center to cancel the approval given to Parsa coal block
रायपुर। छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में कोल ब्लाकों को दी गई अनुमति के विरोध में आदिवासियों का आंदोलन लगातार जारी है। लंबे समय से चल रहे आंदोलन के बीच राज्य सरकार ने परसा कोल ब्लाक को दी गई वन स्वीकृति रद्द करने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है। पत्र में राज्य सरकार ने वन भूमि के डायवर्सन की अनुमति को रद्द किए जाने का निवेदन किया है।
केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को लिखे गए पत्र में छत्तीसगढ़ वन विभाग के अवर सचिव ने कहा कि हसदेव अरण्य कोल फील्ड में व्यापक जनविरोध के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो गई है। जनविरोध, कानून व्यवस्था और व्यापक लोकहित को ध्यान में रखते हुए परसा खुली खदान परियोजना (841 हेक्टेयर) के लिए जारी वन भूमि डायवर्सन स्वीकृति को निरस्त करने का कष्ट करें।
आपको बता दें जुलाई 2019 में केंद्रीय पर्यावरणए वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने परसा कोयला खदान को पर्यावरणीय मंजूरी प्रदान की थी। आंदोलनरत ग्रामीणों का आरोप था कि जिस ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर अनुमति दी गई थी वह ग्राम सभा ही फर्जी थी। बावजूद इसके केन्द्रीय केंद्रीय वन मंत्रालय ने परसा कोल खदान के पहले चरण के खनन के लिए अऩुमति जारी कर दी। वहीं दूसरे चरण के लिए अक्टूबर 2021 में मंजूरी जारी की गई।
गौरतलब है कि इसमें छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अप्रैल 2022 को वन भूमि देने की अंतिम मंजूरी जारी किया था। वहीं हसेदव अरण्य को बचाने के लिए लगातार आंदोलन चलता रहा। राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री तक आंदोलनकारियों ने अपनी गुहार लगाई थी। वहीं राजस्थान विद्युत वितरण कंपनी से एमडीओ हासिल करने वाली उद्योगपति अडानी की कंपनी ने हाल ही में परसा केते एक्सटेंशन कड़े विरोध के बीच 43 हेक्टेयर क्षेत्र का घना जंगल काट दिया। ग्रामीणों के भारी विरोध के बीच बड़ी संख्या में फोर्स को तैनात किया गया था और विरोध करने वाले ग्रामीणों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।