Cg Big News | सुप्रीम कोर्ट से बीएड अभ्यर्थियों को बड़ी राहत, स्थगन आदेश ..
1 min readCg Big News | Big relief to B.Ed candidates from Supreme Court, stay order ..
बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट से बीएड अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस आदेश पर स्थगन दे दिया है जिसमें सहायक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में बी.एड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यार्थियों को शामिल करने पर रोक लगाई गई थी।जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की डिवीजन बेंच ने बीएड परीक्षार्थियों की ओर से दायर स्पेशल लीव पिटिशन पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में दायर याचिका में डीएड के अभ्यर्थियों ने कहा था कि स्कूल शिक्षा विभाग का भर्ती नियम में संशोधन त्रुटिपूर्ण है। डीएड के विद्यार्थियों को प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, जबकि बीएड प्रशिक्षण उच्चतर कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए दिया जाता है । इसलिए इस भर्ती में बीएड परीक्षार्थियों को अवसर नहीं मिलना चाहिए। हाईकोर्ट ने इस पर अंतरिम आदेश देते हुए बीएड परीक्षार्थियों की काउंसलिंग पर रोक लगाई थी और अंतिम चयन सूची को अपने अंतिम आदेश से बाधित रखा था।
मालूम हो कि इस समय प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों करीब 6500 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। इसकी लिखित परीक्षा 10 जून 2023 को ली गई थी। भर्ती विज्ञापन जारी करने के दौरान छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा भर्ती नियम 2019 में एक संशोधन किया गया था, जिसमें डी. एड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के अलावा बी.एड उत्तीर्ण आवेदकों को भी परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया गया था। इस बीच सुप्रीम कोर्ट का एक निर्णय अन्य याचिका पर आया जिसमें बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूल की शिक्षक भर्ती में शामिल होने पर रोक लगा दी गई थी।
इस आदेश को बी.एड अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी के जरिये चुनौती दी सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस चरण में बी.एड परीक्षार्थियों को चयन प्रक्रिया से अलग करना उचित नहीं है। हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर स्थगन देने से अब बीएड परीक्षार्थियों को भी काउंसलिंग का अवसर मिल गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि इससे हाईकोर्ट में जारी प्रकरण की सुनवाई पर कोई असर नहीं होगा। हाईकोर्ट को गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेना है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से भी कहा है कि वे चाहे तो हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए आवेदन कर सकते हैं।