CG Assembly Session 2022 | दिवंगत नेताओं को पहले दिन दी गई श्रद्धांजलि, विधानसभा का विशेष सत्र कल तक स्थगित
1 min readCG Assembly Session 2022 | Tribute paid to late leaders on first day, special session of Vidhansabha adjourned till tomorrow
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र गुरुवार को शुरू हो गया। सुबह 11 बजे से सत्र की प्रक्रिया शुरू हुई। पहले दिन विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे दिवंगत मनोज मंडावी और मनेन्द्रगढ़ के विधायक रहे दीपक पटेल को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत की अध्यक्षता में यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे सहित समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
छत्तीसगढ़ के पंचम विधानसभा का 15वां सत्र गुरुवार और शुक्रवार दो दिन तक चलेगा। सरकार की ओर से बुलाए गए विशेष विधानसभा सत्र में आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा होगी। इसे लेकर विपक्ष की ओर से हंगामे के भी आसार हैं। राज्य में आदिवासियों का आरक्षण पूर्ववत 32 प्रतिशत करने पर मंत्रिपरिषद मुहर लगा चुकी है। अभी जो विधेयक पेश किया जाएगा उसमें अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 32, अनुसूचित जाति (एससी) 13, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को चार प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया जाएगा।
आदिवासी आरक्षण के भंवरजाल में फंसी राज्य सरकार ने आरक्षण विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया है। एक व दो दिसंबर को विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण संशोधन विधेयक के पारित होने के के बाद राज्य में कुल आरक्षण 76 प्रतिशत हो जाएगा। सरकार विधानसभा में दो अलग-अलग संशोधन विधेयक पेश करेगी। आरक्षण अधिनियम के जिन प्रविधानों को उच्च न्यायालय ने रद किया है, उसे कानून के जरिए फिर से प्रभावी किया जाएगा। लोक सेवाओं में आरक्षण संशोधन विधेयक-2022 और शैक्षणिक संस्थाओं के प्रवेश में आरक्षण संशोधन विधेयक-2022 को विधानसभा में पारित कराकर आरक्षण पर नया कानून बनाया जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से गठित क्वांटिफायबल डाटा आयोग की सर्वे रिपोर्ट को भी सदन में सार्वजनिक किया जाएगा। आयोग ने प्रदेश की आबादी में अन्य पिछड़ा वर्ग और ईडब्ल्यूएस के सर्वे का काम पूरा कर रिपोर्ट दे दी थी। सदन में रिपोर्ट पर चर्चा होगी। आरक्षण विधेयक पास कराने के बाद सरकार की तरफ से एक शासकीय संकल्प भी पेश होगा। इसमें केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा कि प्रदेश में पारित आरक्षण कानून को संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल कर लें। अधिनियम के नवीं अनुसूची में शामिल होने के बाद उसे किसी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।