July 22, 2025

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OTS-2 योजना की बंपर सफलता | छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने बेची ₹139.47 करोड़ की 920 संपत्तियाँ …

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Bumper success of OTS-2 scheme | Chhattisgarh Housing Board sold 920 properties worth ₹ 139.47 crore …

रायपुर, 17 जुलाई 2025। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ. पी. चौधरी ने विधानसभा में घोषणा की कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल की वन टाइम सेटलमेंट (OTS-2) योजना को अभूतपूर्व सफलता मिली है। 1 मार्च 2025 से शुरू इस योजना में 15 जून तक 920 संपत्तियों का विक्रय हुआ, जिससे मंडल को ₹139.47 करोड़ की प्राप्ति हुई।

OTS-2 योजना क्या है?

मकसद: पहले से निर्मित लेकिन खाली पड़ी संपत्तियों को विशेष छूट देकर आम लोगों को उपलब्ध कराना।
छूट संरचना (बेस प्राइस पर):

5–10 वर्ष पुरानी, ≥20% रिक्तता: 20% छूट।

5–10 वर्ष पुरानी, >20% रिक्तता: 30% छूट।

10 वर्ष से अधिक पुरानी रिक्त संपत्तियाँ: 30% छूट।

पहली बार शामिल, 5+ वर्ष पुरानी संपत्तियाँ: 10% छूट।

छूट लागू होने के बाद प्रतिस्पर्धात्मक ऑफर आमंत्रित किए जाते हैं और सर्वोच्च बोली पर आवंटन होता है।

मंडल हुआ पूरी तरह ऋणमुक्त

चौधरी ने बताया कि गृह निर्माण मंडल पर बैंकों का लगभग ₹800 करोड़ ऋण बकाया था, जिसे राज्य सरकार ने बजट प्रावधान से चुकता कर दिया। मंडल अब पूर्णतः ऋणमुक्त है—आगे की योजनाओं के लिए वित्तीय रूप से मजबूत स्थिति।

नई पॉलिसी: डिमांड पहले, निर्माण बाद में

अब गृह निर्माण मंडल डिमांड-बेस्ड मॉडल पर कार्य करेगा:

किसी भी नई योजना की कम से कम 60% प्री-बुकिंग के बाद ही निर्माण शुरू।

प्रोजेक्ट लॉन्च के 3 माह के भीतर 30% बुकिंग पर टेंडर प्रक्रिया आगे बढ़ेगी (पूर्व में घोषित मॉडल का हिस्सा)।

यह कदम अनबिके स्टॉक, वित्तीय बोझ और अधूरी परियोजनाओं से बचने की रणनीति है।

कॉरपोरेट मॉडल की ओर बदलाव

मंडल पारंपरिक सरकारी हाउसिंग से आगे बढ़कर अब किफायती, मध्यम और प्रीमियम आवासीय इकाइयों के साथ व्यावसायिक परिसंपत्तियाँ भी विकसित करेगा—शहरी मांग और आत्मनिर्भर आवास नीति को ध्यान में रखते हुए।

जनहित केंद्र में

मंत्री ने स्पष्ट किया कि लक्ष्य है—सुलभ, सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण आवास; विशेष फोकस निम्न और मध्यम आय वर्ग पर।

त्वरित बिंदु (Quick Look)

₹139.47 करोड़ | 920 संपत्तियाँ बेची गईं (OTS-2)।

30% तक छूट (रिक्तता/आयु के आधार पर)।

मंडल अब ऋणमुक्त (₹800 करोड़ कर्ज चुकाया गया)।

60% प्री-बुकिंग नियम से ही नए प्रोजेक्ट की मंजूरी।

 

 

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