November 1, 2024

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BREAKING : मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर माँ-बेटी ने किया अग्नि स्नान, गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती

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लखनऊ । मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर मां-बेटी ने 17 जुलाई की शाम खुद को आग लगा ली. दोनों बुरी तरह जल गईं हैं. उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वे अमेठी की रहने वाली हैं. पुलिस ने बताया कि मां की हालत गंभीर है. वह 80 फीसदी तक जल चुकी हैं जबकि बेटी 40 प्रतिशत तक जल गई है. दोनों का इलाज चल रहा है. खुद को आग लगाने वाली मां-बेटी का आरोप है कि प्रॉपर्टी के एक मामले में उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी.

क्या है मामला

इंडिया टुडे की खबर के अनुसार, दोनों महिलाएं अमेठी के जामो इलाके की रहने वाली हैं. उनकी पहचान सोफिया और गुड़िया के रूप में हुई है. आरोप है कि एक नाली के विवाद को लेकर दबंगों ने मई में उनकी पिटाई कर दी. एफआईआर लिखाने पर दबंगों ने थाने के बाहर फिर से उनकी पिटाई की. साथ ही धमकी दी कि एक्सीडेंट कर देंगे. सुनवाई न होने से नाराज मां-बेटी 17 जुलाई को लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री से  गुहार लगाना चाह रही थीं.

गुड़िया ने इंडिया टुडे को बताया,

नाली के विवाद तक की सुनवाई नहीं हो रही है. हम लोगों ने कंप्लेंट लिखवाई. उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. दबंग लगातार हमको धमकी दे रहे हैं. दबंगों ने हमें मारा-पीटा. उसके बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है.

एक महीने से सुनवाई के लिए चक्कर लगा रही थी मां-बेटी

बताया जाता है कि एक महीने से मां-बेटी सुनवाई के लिए चक्कर लगा रही थीं. उनकी मंत्री से मुलाकात भी हुई थी. इसके बाद 17 जुलाई की शाम को उन्होंने सीएम ऑफिस के गेट नंबर 3 के पास खुद को आग लगा ली. एडिशनल डीसीपी सेंट्रल चिरंजीव सिन्हा ने इंडिया टुडे को बताया कि आत्मदाह का प्रयास करने वाली दोनों महिलाओं को तुरंत पुलिस ने बचाया. उन्हें इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया.

अखिलेश-मायावती ने सरकार को घेरा

पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मायावती ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. अखिलेश ने ट्वीट कर कहा,

लखनऊ में लोकभवन के सामने दो महिलाओं द्वारा दबंगों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई न होने से हताश होकर आत्मदाह करने की दुःखद ख़बर आई है. सपा ने लोकभवन इसलिए बनवाया था कि वहां बिना भेदभाव आम जनता अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जा सके, लेकिन इस भाजपा सरकार में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं.

वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा,

जमीन विवाद प्रकरण में अमेठी जिला प्रशासन से न्याय न मिलने पर मां-बेटी को लखनऊ में सीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने को मजबूर होना पड़ा. यूपी सरकार इस घटना को गम्भीरता से ले और पीड़ित को न्याय दे. लापरवाह अफसरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना दोबारा न हों.

एसएचओ और दरोगा सस्पेंड

वहीं आत्मदाह के प्रयास का मामला सामने आने के बाद अमेठी एसपी डॉ. ख्याति गर्ग ने कार्रवाई की है. उन्होंने लापरवाही के आरोप में जामो थाने के एसएचओ रतन सिंह और दरोगा ब्रह्मानंद तिवारी को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

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