बीजापुर ऑपरेशन संकल्प 2025 | कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में 22 माओवादी ढेर, CRPF और DRG की बड़ी सफलता

Bijapur Operation Sankalp 2025 | 22 Maoists killed in the hills of Karregutta, big success of CRPF and DRG
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले की कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में चल रहे ऑपरेशन संकल्प 2025 के तहत सुरक्षाबलों को माओवादियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। बुधवार तड़के से शुरू हुई मुठभेड़ में अब तक 22 माओवादियों को मार गिराने का दावा किया गया है। मौके से 18 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि मुठभेड़ अभी भी जारी है। आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
इस निर्णायक कार्रवाई की निगरानी स्वयं CRPF के डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह कर रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के ADG नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा, IG राकेश अग्रवाल और बस्तर IG पी. सुंदरराज लगातार ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं। इस बड़े ऑपरेशन में DRG, कोबरा बटालियन और STF के जवान माओवादियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।
घायल साथी को बचाते हुए कमांडेंट ने गंवाया पैर
इस ऑपरेशन के दौरान CRPF के सहायक कमांडेंट सागर बोराडे का अदम्य साहस सामने आया। रविवार को हुए IED विस्फोट में घायल साथी को बचाते हुए वे खुद एक और विस्फोट की चपेट में आ गए। गंभीर रूप से घायल सागर बोराडे को रायपुर और फिर AIIMS दिल्ली भेजा गया, जहां इलाज के दौरान उनका बायां पैर काटना पड़ा। फिलहाल वे ICU में भर्ती हैं और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
माओवादियों की कमर तोड़ने की तैयारी
‘ऑपरेशन संकल्प’ गृह मंत्रालय के मिशन “मार्च 2026 तक माओवाद का समूल खात्मा” के तहत चलाया जा रहा है। कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर 350 से ज्यादा माओवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सुरक्षा बलों ने बीते दो हफ्तों से इलाके को चारों ओर से घेर रखा है। अब तक माओवादियों के सैकड़ों ठिकाने और बंकर तबाह, 200 से अधिक IED बरामद किए जा चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार, यही पहाड़ी पोलित ब्यूरो सदस्य बसवराजू, सेंट्रल कमेटी के बसवराव, गणपति, हिड़मा और अन्य शीर्ष नेताओं का गढ़ मानी जाती है। इस अभियान में 10 हजार से अधिक जवान लगे हुए हैं।
बीते चार महीनों में 147 माओवादी ढेर
बस्तर संभाग में बीते चार महीनों में हुई विभिन्न मुठभेड़ों में अब तक 147 हार्डकोर माओवादी मारे जा चुके हैं, जो सुरक्षा बलों की रणनीति और मनोबल दोनों की मजबूती को दर्शाता है। बीजापुर की यह कार्रवाई नक्सल विरोधी अभियान में मील का पत्थर साबित हो सकती है।