November 23, 2024

The News Wave

सच से सरोकार

बड़ी खबर : प्रदेश के शिक्षाकर्मियो की निगाहें मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ सरकार पर, संविलियन से जुड़ा है मामला

1 min read
Spread the love

 

रायपुर । प्रदेश में 16 हजार शिक्षाकर्मियों का 1 जुलाई 2020 से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन हो जाना था लेकिन 2 दिन पहले मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जैसे ही इस बात को स्पष्ट किया कि कोरोना के चलते वित्तीय स्थिति खराब है और स्थिति सुधरते ही संविलियन और नई भर्ती कर दी जाएगी संविलियन से वंचित शिक्षाकर्मियों की चिंता बढ़ गई ।

इस बार के बजट में 2 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों के संपूर्ण संविलियन की घोषणा सबसे बड़ी घोषणा बनकर उभरी थी और इसके बाद शिक्षाकर्मियों की तरफ से आभार प्रदर्शन का एक लंबा दौर चला था शिक्षाकर्मियों ने तो राज्य में एक बड़े सम्मेलन की तैयारी भी कर ली थी और इसके लिए बकायदा मुख्यमंत्री से विधिवत समय मांगा गया था लेकिन उसके ठीक पहले कोरोना महामारी का प्रकोप शुरू हो गया ।

इसके बाद भी शिक्षाकर्मियों को पूर्ण विश्वास था कि 1 जुलाई 2020 को उनका संविलियन हो जाएगा और इसमें कोई भी बाधा नहीं आएगी लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री ने कोरोना के चलते वित्तीय स्थिति खराब होने की बात कही और संविलियन के लिए इंतजार करने की बात कही, शिक्षाकर्मियों में निराशा छा गई । अब फिर एक बार शिक्षाकर्मियों ने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की मुहिम शुरू कर दी है और इसके लिए निवेदन पत्र को ही सहारा बनाया है ।

संविलियन अधिकार के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे ने अब पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को ट्वीट किया है जिसके बाद भारी तादाद में संविलियन से वंचित शिक्षा कर्मियों ने उनके ट्वीट को रिट्वीट किया है और मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है इस मुद्दे पर बात करते हुए संविलियन अधिकार मंच के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे ने कहा कि “मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने हमारे लिए विधानसभा में घोषणा की है इसलिए हमें पूरा भरोसा है कि वह इन विपरीत परिस्थितियों में भी कोई न कोई रास्ता अवश्य निकाल लेंगे ।

कोरोना के चलते मुख्यमंत्री जी से मिलने का समय भी नहीं मिल पा रहा है इसके कारण हमने सोशल मीडिया को सहारा बनाया है और अपनी बात शालीनतापूर्वक अपने मांग पत्र को ट्वीट करते हुए उन तक पहुंचाने की कोशिश की है इसके अलावा भी हमारे अन्य प्रयास जारी हैं । हमें पूरा यकीन है कि हमारी पीड़ा को वह समझेंगे और इन विपरीत परिस्थितियों में भी बीच का रास्ता वह अवश्य निकालेंगे।

1 जुलाई 2020 की स्थिति में संविलियन होने पर हम स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारी हो जाएंगे और अनुकंपा नियुक्ति , चिकित्सा सुविधा समेत अन्य सभी सुविधाओं के लाभार्थी हो जाएंगे जो कि जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है इसीलिए हमने माननीय मुख्यमंत्री जी से बीच का रास्ता निकालने की अपील की है । प्रदेश के सभी शिक्षाकर्मियो की निगाहें अब माननीय मुख्यमंत्री जी और सरकार पर है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *