BIG NEWS : संदिग्धों को गैंगरेप पीड़िता से पहचान परेड के लिए लाया गया अस्पताल, खुद स्वास्थ्य मंत्री ने जांच के दिए निर्देश
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बिलासपुर। जिले के नेहरू नगर स्थित श्रीराम केयर हॉस्पिटल में छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की पुष्टि हो गई है। इस मामले में पुलिस संदेही आरोपियों को शिनाख्त के लिए 4 लोगों को अपोलो लेकर पहुंची। सिविल लाइन पुलिस संदेही वार्ड बॉयज़ को पीड़िता से पहचान के लिए अपोलो लेकर पहुंची। पीड़िता के होश में आने पर मजिस्ट्रियल बयान के बाद पुलिस ने कार्यवाही शुरू हुई। मामले में स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने जांच के बाद कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
क्या है मामला
कोनी क्षेत्र की रहने वाली छात्रा को तबीयत खराब होने के कारण 18 मई की दोपहर को नेहरू नगर स्थित श्रीराम केयर हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर्स के मुताबिक छात्रा को जहरीले पदार्थ का सेवन करने के कारण आईसीयू में रखा गया था। आईसीयू में 21 मई से 22 मई तक वह अपने हाथ के इशारे में कुछ कहना चाह रही थी पर पिता कुछ समझ नहीं पा रहे थे। 23 मई को भी उसने कुछ कहने की कोशिश की पर सफल नहीं हो पाई। बोल नहीं पाने के कारण इशारे से ही पिता से पेन कागज मंगाकर उसमें अपने साथ हुई घटना के बारे में टूटी-फूटी भाषा में लिखकर दी। इसके बाद गैंगरेप का मामला उजागर हो पाया।
पीड़िता के पिता ने थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई। 24 मई को छात्रा को सुरक्षा की दृष्टि से श्रीराम केयर हास्पिटल से हटाकर अपोलो हॅास्पिटल शिफ्ट कर दिया गया था। यहां उसे वेंटीलेटर में रखा गया था। हालत ठीक नहीं होने के कारण उसका बयान दर्ज नहीं हो पाया था। पुलिस उसके होश में आने के इंतजार कर रही थी। इस बीच पुलिस कई बार अपोलो गई और डाक्टरों ने मना कर दिया। 11 दिन बाद शुक्रवार को वह सामान्य हुई।
बयान देने लायक होने पर डॉक्टरों ने पुलिस को सूचना दी फिर पुलिस ने कार्यपालिक मजिस्ट्रेट तुलसी यादव ने उसका कथन कराया। इसमें छात्रा ने अपने साथ गैंगरेप होने की पुष्टि की। उसने वारदात में अपने साथ श्री राम केयर अस्पताल के दो वार्ड ब्वॉय के शामिल होने का जिक्र किया। वह नाम नहीं जानती पर दोनों को पहचाती है।
पीड़िता के पिता की रिपोर्ट पर सिविल लाइन पुलिस ने पहले ही एफआईआर दर्ज कर लिया था। इसमें आरोपियों का नाम नहीं है। केवल दो अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की कराई मेडिकल में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं होने से जांच मंद पड़ गई थी। जिला अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने उसका मेडिकल किया था। छात्रा के बयान का इंतजार था।