बड़ी खबर | छत्तीसगढ़ में नही मिला बर्ड फ्लू का कोई मामला, 15 रुपये सस्ता हुआ मुर्गा, पोल्ट्री उद्योग पर भारी असर, देखिये डिटेल्स
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नई दिल्ली । देश में बर्ड फ्लू की दस्तक से हरियाणा के जींद जिले में पोल्ट्री उद्योग पर भारी असर पड़ने लगा है। हालांकि पोल्ट्री व्यवसायी व चिकित्सक चिकन को सुरक्षित बता रहे हैं। वहीं, जींद जिले से प्रतिदिन करीब चार लाख मुर्गे बेचने के लिए भेजे जाते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा से दिल्ली में बेचे जाने वाले मुर्गों की कीमत में बुधवार को करीब 15 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है। ऐसे में कारोबारियों को प्रतिदिन करीब एक करोड़ 20 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। हरियाणा का जींद जिला पोल्ट्री का हब है।
पका हुआ चिकन : भारत में लोग पका हुआ चिकन ही खाते हैं। 70 डिग्री पर उबलने के बाद सभी प्रकार के विषाणु मर जाते हैं। ऐसे में चिकन से कोई खतरा नहीं है। हालांकि जींद के पोल्ट्री फार्मर लगातार आकर बचाव की जानकारी ले रहे हैं। तीन दिन में अब तक 50 से अधिक पोल्ट्री व्यवसायी जानकारी ले चुके हैं। इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
– डॉ. राजू शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सक, पशुपालन विभाग, जींद।
नहीं हुई है बर्ड फ्लू की पुष्टि : भारत सरकार तीन महीने पहले ही देश को बर्ड फ्लू मुक्त घोषित कर चुकी है। प्रदेश या जिले में जिन मुर्गियों की मौत हुई है, उसका कारण अधिक ठंड व सही प्रबंधन नहीं होना है। अब तक किसी भी मुर्गी में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। सिर्फ लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।
– जितेंद्र ढुल, प्रवक्ता ब्रेलर, एसोसिएशन।
बता दें, देश के अन्य राज्यों में बर्ड फ्लू आने के बाद, छत्तीसगढ़ में भी प्रशासन सतर्क हैं और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में बर्डफ्लू का अब तक कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आया है। केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं हिमांचलप्रदेश में बर्डफ्लू रोग की पुष्टि होने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य में भी इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है। पशुधन विकास विभाग द्वारा बर्डफ्लू के प्रवेश को रोकने के संबंध में सभी जिलों के कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों सहित पशु चिकित्सा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों को सीमावर्ती प्रदेश से पक्षियों के परिवहन पर कड़ी निगरानी रखने के साथ ही सभी शासकीय एवं अशासकीय कुक्कुट पालन प्रक्षेत्रों एवं पोल्ट्री व्यवसायी केन्द्रों का सर्विलेंस करने के निर्देश दिए गए हैं। बर्डफ्लू के मामले में एहतियातन पशुधन विकास विभाग द्वारा राज्य के 7 जिलों में स्थित शासकीय पोल्ट्री फार्माें से एकत्र सेम्पल की जांच में बर्डफ्लू रोग का कोई भी लक्षण नहीं पाया गया है।
कृषि उत्पादन आयुक्त एवं सचिव, कृषि विकास तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग डॉ. एम. गीता ने बताया कि राज्य के दुर्ग, रायगढ़, जगलदपुर, बैकुण्ठपुर-कोरिया, बिलासपुर जिले के कोनी एवं सरगुजा जिले के कुनकुरी स्थित शासकीय पोल्ट्री फार्म से बर्डफ्लू की जांच पड़ताल के लिए वहां से सेम्पल लेकर जांच की गई। सभी सेम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
छत्तीसगढ़ में बर्डफ्लू का अब तक कहीं से कोई भी मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि राज्य में बर्डफ्लू रोग के प्रवेश को रोकने के संबंध में जिलों को विस्तृत दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं। पक्षियों की असामान्य बीमारी एवं मृत्यु होने की स्थिति में अधिकारियों को सतर्कता बरतने की निर्देश दिए गए हैं। भारत सरकार की द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार सेम्पल साईज का पालन करते हुए नमूने एकत्रकर राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला रायपुर भिजवाने के भी निर्देश दिए गए हैं। बत्तख पालन वाले क्षेत्र एवं जंगली व अप्रवासी पक्षियों के इलाकों में विशेष निगरानी रखने तथा वन विभाग से समन्वय स्थापित कर राष्ट्रीय अभ्यारण्य, पोखर, झील को चिन्हांकित कर उन क्षेत्रों के समीप निगरानी हेतु विशेष कार्ययोजना तैयार कर उसका अमल करने के निर्देश दिए गए हैं।