Big News : बड़ी मुसीबत में फंसे IAS जनक प्रसाद पाठक, एट्रोसिटी एक्ट के तहत जुर्म दर्ज, महिला ने लगाया था दुष्कर्म का आरोप
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जांजगीर चाम्पा । आईएएस जनक प्रसाद पाठक के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है। इससे पहले उनके खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया जा चुका है। पीड़िता के जाति प्रमाण पत्र पेश करने करने के बाद ये धारा जोड़ी गई है।
ज्ञात हो कि करीब 10 दिन पहले एक महिला ने तत्कालीन कलेक्टर जेपी पाठक पर काम दिलाने के बहाने बुलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। महिला की शिकायत मिलते ही प्रदेश के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। मामले में पुलिस ने जुर्म दर्ज कर लिया है। महिला का आरोप है कि वह तत्कालीन कलेक्टर जनक पाठक के पास समस्या लेकर गई थी। तब से उसकी पहचान हुई और बातचीत होने लगी। इस बीच कलेक्टर पाठक ने महिला को एनजीओ का काम दिलाने का झांसा दिया। महिला का आरोप है कि 15 मई को कलेक्टर ने कलेक्टोरेट में ही अपने चेंबर के रेस्ट रूम में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया।
महिला का यह भी आरोप है कि इसके बाद से उसके साथ कई बार कलेक्टर ने शारीरिक संबंध बनाया। हर बार झांसा देते रहे कि जल्द ही उसे एनजीओ को काम मिल जाएगा, लेकिन, डेढ़ माह बाद भी महिला को काम नहीं मिला। कलेक्टर की इस हरकत के बाद महिला ने मामले की शिकायत आला अधिकारियों के माध्यम से राज्य शासन तक पहुंच गई।
महिला ने साक्ष्य के तौर पर मैसेज, बातचीत की रिकार्डिंग और अश्लील तस्वीर भी प्रस्तुत की है। महिला की शिकायत के बाद मामले को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गंभीरता से लिया और मुख्य सचिव को संबंधित अधिकारी को निलंबित करने और उच्च स्तरीय दल से जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस ने मामले में आइएएस जनक पाठक के खिलाफ धारा 376, 509 ख और 506 के तहत अपराध दर्ज कर लिया था। जाति प्रमाण पत्र पेश करने के बाद एट्रोसिटी एक्ट के तहत भी जुर्म दर्ज कर लिया गया है।