बड़ी खबर | दुष्कर्मियों को बना दिया जाएगा नपुंसक, दुश्मन मुल्क का दमदार फ़ैसला, काला कानून या महिलाओं के लिए न्याय..?
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नई दिल्ली । दिसंबर का महीना जैसे ही दस्तक देना शुरू करता है, देश की ज्यादातर महिलाओं के अंदर खौफ का मंजर अंदर ही अंदर घर करने लग जाता है। दिल्ली में फिजियोथेरेपिस्ट निर्भया का मामला हो या फिर हैदराबाद की वेटेनरी डॉक्टर दिशा रेप केस। घटना की याद आते ही दिल अंदर तक दहल उठता है। ऐसे में किसी भी महिला के दिल से बस यही आवाज निकलती है- इन दुष्कर्मियों को फांसी पर लटका दो। वहीं, कुछ अन्य खुलकर कहती हैं- इन्हें नपुंसक बना दो।
हमारे देश में भले ही कानून ऐसी सजा का प्रावधान नहीं कर रहा, लेकिन यह खबर सुनकर उन महिलाओं को काफी सुकून मिल सकता है, जो दुष्कर्मियों के लिए ऐसी ही सजा चाहती हैं।
पाकिस्तान में दुष्कर्मियों को बना दिया जाएगा नपुंसक
बता दें कि पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित खबरों की मानें तो वहां की इमरान खान सरकार ने दुष्कर्मियों से जुड़े एक कानून को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, जिसमें दुष्कर्म के दोषियों को रासायनिक तरीके से नपुंसक बनाने और यौन उत्पीड़न के मामलों में त्वरित सुनवाई देने का प्रावधान किया गया है।
मिली-जुली मिल रही प्रतिक्रियाएं
एक निजी न्यूज चैनल की खबर के अनुसार संघीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इसमें कानून मंत्रालय ने बलात्कार रोधी अध्यादेश का मसौदा प्रस्तुत किया है। हालांकि इस बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। फिर भी, पाकिस्तान की इमरान सरकार के इस कदम को मिली जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। कहीं लोग इमरान सरकार के इस कदम की तारीफ कर रहे हैं तो कहीं इसे काला कानून बताया जा रहा है।
दुष्कर्म मामलों की तेजी से सुनवाई
खबर के अनुसार, मसौदे में पुलिस व्यवस्था में महिलाओं की भूमिका बढ़ाना, बलात्कार के मामलों में तेजी से सुनवाई करना और गवाहों का संरक्षण शामिल है। खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री खान ने कहा कि यह गंभीर मामला है और इस मामले में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इमरान खान ने कहा, ‘हमें अपने नागरिकों के लिए सुरक्षित माहौल बनाना होगा।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि बलात्कार पीड़िताएं बिना डर के शिकायतें दर्ज करा सकेंगी और सरकार उनकी पहचान छिपाकर रखेगी।
‘जल्द संसद में पेश किया जाएगा’
रिपोर्ट के अनुसार, कुछ संघीय मंत्रियों ने दुष्कर्म के दोषियों को सार्वजनिक रूप से फांसी दिए जाने की भी सिफारिश की। सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद फैसल जावेद खान ने ट्विटर पर लिखा कि कानून जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा।