बड़ी खबर | JCCJ की अगली राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगी डॉ. रेणु जोगी, 18 नवंबर को विशेष बैठक, अजित जोगी के निधन से बिखर चुकी है पार्टी
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रायपुर । दिवंगत अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की अगली राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी होंगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कोर कमेटी का पुनर्गठन किया है। साथ ही 18 नवंबर को विशेष बैठक भी बुलाई गई है। इससे पहले वैचारिक शुद्धिकरण के लिए पार्टी ने सात निर्णय लिए हैं। इसके तहत अजीत जोगी के स्थान पर अब रेणु जोगी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए प्रस्तुत प्रस्ताव का लोरमी विधायक धरमजीत सिंह ने समर्थन किया। पार्टी का मुख्य फोकस काडर तैयार करना है। इसके लिए पाटी शहीद वीर नारायण जयंती 9 दिसंबर से अब तक का सबसे बड़ा मोबाइल आधारित सदस्यता अभियान चालू करने जा रही है। पार्टी का लक्ष्य अगले 90 दिनों में एक लाख 11 हजार 111 सक्रिय वालंटियर का पूर्णकालिक काडर तैयार करना है। अमित जोगी ने कहा कि वे प्रदेश की उन 31 विधानसभाओं में पदयात्रा करेंगे, जहां पार्टी को 40 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। पदयात्रा के माध्यम से वे जनता का आशीर्वाद मांगने जाएंगे।
पार्टी ने स्व. अजीत जोगी के छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया सपने को यथार्थ में बदलने का संकल्प लिया है। इसी कड़ी में पार्टी ने सभी पुराने मोर्चा संगठनों का ज्ञामकरण अजीत जोगी के नाम पर करने का निर्णय लिया है। इसके तहत सभी मोर्चा- संगठन अजीत जोगी के नाम शुरू से होंगे। इसके तहत अजीत जोगी किसान, अजीत जोगी महिला, अजीत जोगी युवा, अजीत जोगी लान और अजीत जोगी श्रमिक संगठन होंगे।
अमित जोगी ने कहा कि पार्टी बिरगांव, जामुल, भिलाई, रिसाली और चरौदा नगरी चुनावों में जात-पात और धर्म से ऊपर उठकर केवल छत्तीसगढ़ प्रथम विचारधारा के लिए संघर्ष करने वालों को अवसर देगी। इसके अलावा अजीत जोगी फाउंडेशन गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य के जरूरतमंद लोगों की मदद करेगा।
इसके आलावा मरवाही चुनाव से पहले विधायकों की बगावत झेल चुकी जेसीसीजे खुद को पुनर्गठित करने जा रही है। पार्टी अपने दो विधायकों देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा से इस्तीफा मांगने का अभियान चलाएगी। पार्टी लाइन से अलग जाने वाले विधायकों पर इस्तीफा देने का नैतिक दबाव बनाया जाएगा। अमित जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री जोगी कांग्रेस और जोगी परिवार के अस्तित्व को खत्म करने की खुली चुनौती दे रहे है। उन्हें लगता है कि हमें मरवाही उप चुनाव में लड़ने से रोककर उन्होंने हमें हरा दिया है। उनकी हार तो उसी दिन हो चुकी थी जिस दिन उन्होंने हमें चुनाव से बाहर किया। इसका जवाब उन्हें पहले न्याय की अदालत और फिर जनता की अदालत में मिलेगा