बड़ी खबर : शासकीय प्रेस में जमकर चल रही है भ्रष्टाचारियों की, भ्रष्ट अधिकारी के संविदा नियुक्ति की चल रही है तैयारी
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रायपुर । शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री इंद्रावती भवन में कार्यरत प्रभारी संयुक्त संचालक अशोक कुमार राजनांदगांव निवासी विगत 20 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ होकर कार्यरत हैं, जिस कारण एक तरफा भ्रष्टाचार हो रहा है।
दरअसल, वर्ष 2014 में कार्यालय के कर्मचारी के भर्ती में समिति का प्रमुख होने के नाते अशोक कुमार ने अपने रिश्तेदार दामाद को अधिकृत तरीके से मेरिट में लाकर नियुक्ति किया था तथा काफी मात्रा में भ्रष्टाचार किया था। जिसमें उक्त अधिकारी को तत्कालीन सरकार ने निलंबित कर दिया था। परंतु 1 वर्ष के पश्चात ही बिना जांच के, बिना आरोप पत्र के भ्रष्टाचार में उपस्थित होने के पश्चात भी अधिकारी के विरुद्ध कोई कार्यवाही किए बिना उन्हें बहाल किया गया और उसी स्थान पर पुनः पदस्थापना दी गई, जिससे स्वयं के विरुद्ध कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेज को छेड़छाड़ कर मिटा सके।
बता दे कि अधिकारी वर्तमान में काफी मनमानी कर रहा है विभाग में कई वर्षों से भर्ती नहीं हुई है, जिस कारण प्रेस में मुद्रण कार्य नहीं हो रहा है। आधार मानकर स्वास्थ्य विभाग के मुद्रण कार्य निजी पैसों को बेधड़क आवंटित कर रहा है, जिससे शासन को काफी मात्रा में वित्तीय हानि हो रही है। अशोक कुमार जानबूझकर कर्मचारी भर्ती नहीं कर रहा है क्योंकि निजी पैसों से कमीशन मिलना बंद हो जाएगा। कई वर्षों से उच्च अधिकारी द्वारा नीचे के अधिकारियों की पदोन्नति जानबूझकर नहीं कर रहा है क्योंकि पदोन्नति होने से उसका वर्चस्व खत्म हो जाएगा। वही, अपने रिटायरमेंट के समय पर ऐसे हालात निर्मित किए कि उसके जाने के बाद विभाग में कोई तकनीकी अधिकारी नहीं होगा, जिससे उसे संविदा मिल सके और भ्रष्टाचार करता रहे।
विगत 8 वर्षों से पुराने ट्रेडरों पर केवल 3 चहेते निजी प्रेसों को को करोड़ों के कार्य आवंटित कर रहा है। राज्य के शेष निजी मुद्रक कार्य से वंचित है, जिससे उनमें आक्रोश की भावना व्यक्त है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारी के विरुद्ध संगीन जांच कर तत्काल बर्खास्त किए जाने की मांग की गई है।