बड़ी खबर | फर्जी जाति प्रमाणपत्र वाले सरकारी कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, मुख्यमंत्री बघेल ने सभी को तत्काल बर्खास्त करने का दिया निर्देश
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रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर कार्यरत शासकीय सेवकों को सेवा से बर्खास्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसे फर्जी, गलत जाति प्रमाणपत्र धारी शासकीय सेवकों को जिन्हें न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त नहीं है, उन्हें सेवा से तत्काल बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि स्थगन आदेश प्राप्त सम्पूर्ण प्रकरणों में महाधिवक्ता छत्तीसगढ़ के माध्यम से शीघ्र सुनवाई करने के लिए उच्च न्यायालय से अनुरोध किया जाएगा। जिन सेवकों के जाति प्रमाण पत्र गलत पाए गए हैं, उन्हें तत्काल महत्वपूर्ण पदों से अलग किया जाएगा। ऐसे सभी प्रकरणों की सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभागवार नियमित समीक्षा की जाए।सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण, छानबीन समिति रायपुर को वर्ष 2000 से लेकर 2020 तक फर्जी, गलत जाति प्रमाण पत्र के कुल 758 प्रकरण प्राप्त हुए थे। इनमें से 659 प्रकरणों का जांच उपरांत निराकरण किया गया है। शेष 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इसे संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेजा गया है। इनमें से अधिकांश प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है अथवा स्थगन आदेश प्राप्त हैं। विगत दो वर्षों में 75 प्रकरण फर्जी, गलत पाए गए हैं। इन प्रकरणों में उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्ति के पश्चात कई अधिकारी, कर्मचारी अभी भी महत्वपूर्ण पदोंं में कार्यरत हैं।
उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति की ओर से जिन विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी, गलत पाए गए हैं उनमें सामान्य प्रशासन विभाग के 14, आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विभाग के 8, राजस्व विभाग के 7, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के 9, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 8, महिला एवं बाल विकास विभाग के 4, जल संसाधन विभाग के 14, समाज कल्याण विभाग के 1, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 15, वाणिज्यकर विभाग के 1, गृह विभाग के 7, ग्रामोद्योग विभाग के 12, उर्जा विभाग के 7, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग 4, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के 5, उच्च शिक्षा विभाग 3, कृषि विभाग के 14, नगरीय प्रशासन विभाग और वन विभाग के 5-5, सहकारिता विभाग के 3, लोक निर्माण विभाग एवं योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के 2-2, पशुधन विभाग एवं मछलीपालन विभाग 6, खेल एवं युवा कल्याण विभाग 1, स्कूल शिक्षा विभाग 44, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, जनसंपर्क विभाग, आवास एवं पर्यावरण विभाग में एक-एक प्रकरण शामिल हैं।