बड़ी खबर : वरिष्ठ भाजपा नेता के घर चला बुलडोजर, असीम राय ने लगाया राजनीतिक दुर्भावना का आरोप
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पखांजुर । नगर पंचायत पखांजूर के पूर्व नगर अध्यक्ष व वरिष्ठ भाजपा नेता असीम राय के घर पर प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर बुलडोजर चला दिया। प्रशासन द्वारा बुधवार को पूर्व अध्यक्ष को अतिक्रमण के संबध में नोटिस दिया गया था और एक दिन में ही सुनवाई पूरी कर रात 10 बजे उन्हें अतिक्रमण हटाने का नोटिस दे दिया गया। वहीं गुरूवार को 2 बजे 24 घंटे पूरे होते ही प्रशासन ने अतिक्रमण भी हटा दिया। प्रशासन की इस कार्रवाई को पूर्व अध्यक्ष ने राजनीतिक दुर्भावना की कार्रवाई बताते हुए कहा कि शासकीय रिक्त भूमि के पट्टे देने का विरोध किया था। इसके चलते उन्हें प्रशासन द्वारा टारगेट किया जा रहा है।
एक और प्रशासन अतिक्रमित भूमि का पट्टा दे रहा है वहीं दूसरी ओर अतिक्रमण अभियान भी चला रहा है। आज प्रशासन ने पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष व भाजपा के नेता असीम राय के एक घर में अतिक्रमण अभियान चला पूरा घर ही तोड़ दिया। पूर्व अध्यक्ष ने इस घर को कुछ वर्ष पूर्व खरीदा था पर इस जमीन का पट्टा नहीं था। वर्ष 2011 में पखांजूर के तात्कालिक तहसीलदार ने नियम कायदों को दर किनार कर इस जमीन का पट्टा दे दिया था पर वर्ष 2014 में पखांजूर तहसीलदार द्वारा इन फर्जी पट्टों की शिकायत के बाद कांकेर कलेक्टर ने वर्ष 2011 में जारी समस्त पट्टे निरस्त कर दिए थे और इन भूमि का अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। इसी आदेश के परिपालन में आज प्रशासन ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।
इस आदेश के परिपालन में पखांजूर तहसीलदार ने दिनांक 14 जुलाई को असीम राय को नोटिस जारी किया और दिनांक 15 जुलाई को सुनवाई का मौका दिया और एक दिन में ही पूरी सुनवाई कर अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी कर दिया। रात 10 बजे तहसील का एक कर्मचारी असीम राय को नोटिस देने उनके ग्राम पीव्ही 28 पहुंच गया। रात को असीम राय ने नोटिस लेने से मना कर दिया, जिसके बाद आज सुबह उनके उसी घर में जिसे प्रशासन ने तोड़ दिया उसके दरवाजे में नोटिस चस्पा कर दिया। दोपहर 2 बजे के बाद प्रशासन के अधिकारी दल बल के साथ पहुंचे और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर दी।
प्रशासन ने इस अतिक्रमण हटाने के लिए रात से ही तैयारी शुरू कर दी थी और दिनांक 15 जुलाई की शाम ही जेसीबी और पोकलैंड को पकड़ कर रेस्ट हाउस में खड़ा करा दिया गया था और उनके ड्रायवरों को भी रेस्ट हाउस में रख लिया था ताकि 2 बजे के बाद प्रशासन कार्रवाई कर सके। प्रशासन द्वारा इस तेजी से कार्रवाई क्षेत्र में जमकर चर्चा का विषय रही।
प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद फर्जी पट्टे का मामला फिर चर्चा में आ गया है। वर्ष 2011 में तात्कालिक तहसीलदार पखांजूर ने नगरीय क्षेत्र में 50 से अधिक और पूरे तहसील क्षेत्र में तीन सौ से अधिक रिटायमेंट के ठीक पहले फर्जी पट्टा जारी कर दिया था। वर्ष 2014 में पखांजूर तहसीलदार की ही शिकायत पर कांकेर कलेक्टर ने इन सभी पट्टो को खारिज कर दिया और सभी भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। पर इस मामले में उक्त तहसीलदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसने रिटायर्मेंट के पहले पहले इतनी संख्या में फर्जी पट्टे बांट दिए। वर्तमान में पखांजूर में ही 50 से अधिक वही फर्जी पटटेधारी है जिन पर कार्रवाई लंबित है।