Bastar Development | A new model of investment, development and trust
रायपुर, 12 सितम्बर 2025। कभी नक्सल हिंसा और उपेक्षा के प्रतीक रहे बस्तर में अब विकास और निवेश की नई कहानी लिखी जा रही है। “बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट” के तहत अब तक ₹967 करोड़ से अधिक निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनसे 2100 से अधिक रोजगार अवसर सृजित होंगे। बड़े सार्वजनिक निवेश, निजी उद्यम और औद्योगिक नीति 2024–30 के तहत बस्तर औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का केंद्र बन रहा है।
रेल और सड़क से जुड़ेगा नया बस्तर
बस्तर में ₹5,200 करोड़ की रेल परियोजनाएँ (रावघाट–जगदलपुर नई रेल लाइन और केके रेल लाइन का दोहरीकरण) और ₹2,300 करोड़ की सड़क परियोजनाएँ स्वीकृत हुई हैं। इससे बस्तर की कनेक्टिविटी मजबूत होगी, नक्सल उन्मूलन को बल मिलेगा और व्यापार–पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति
जगदलपुर में 350 बेड का पहला निजी मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज बनने जा रहा है। इसके अलावा 33 करोड़ और 85 करोड़ रुपये की लागत से अन्य मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल भी स्थापित होंगे। कुल मिलाकर सैकड़ों युवाओं को रोजगार और बस्तर को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ मिलेंगी।
कृषि और उद्योग का नया दौर
• बीजापुर, नारायणपुर और कोंडागांव में आधुनिक फूड प्रोसेसिंग इकाइयाँ और राइस मिलें स्थापित होंगी।
• डेयरी, एग्रीटेक, वुड, फर्नीचर और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में नए निवेश से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
• शंकरा लेटेक्स इंडस्ट्रीज 40 करोड़ के निवेश से सर्जिकल ग्लव्स बनाएगी, जिससे 150 रोजगार मिलेंगे।
सुरक्षा और विश्वास की दिशा में कदम
पिछले 20 महीनों में बस्तर में 65 से अधिक नए सुरक्षा शिविर खुले, 450 से अधिक नक्सली मारे गए और 1600 से अधिक ने आत्मसमर्पण किया। “नियद नेल्ला नार” योजना से शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़कें दूरस्थ गाँवों तक पहुँची हैं।
नई पुनर्वास नीति
आत्मसमर्पित नक्सलियों को 10,000 रुपये मासिक सहायता, जमीन, व्यावसायिक प्रशिक्षण और इनामी राशि दी जा रही है। नक्सल-मुक्त गाँवों के लिए ₹1 करोड़ तक की विकास योजनाएँ स्वीकृत हैं।
औद्योगिक नीति 2024–30: विकास का सूत्रधार
नई नीति में पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिला है। निवेशकों को 45% तक सब्सिडी, ST/SC और नक्सल प्रभावित परिवारों को अतिरिक्त 10% प्रोत्साहन, और आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने वाली इकाइयों को 40% वेतन सब्सिडी दी जाएगी।
कुल मिलाकर बस्तर अब संघर्ष की छवि से निकलकर निवेश, रोजगार और विश्वास का नया केंद्र बनकर उभर रहा है।
