September 21, 2024

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Ashoka Pillar Inauguration | प्रधानमंत्री मोदी ने किया नए संसद भवन की छत पर नए अशोक स्तम्भ का अनावरण, जानें इसकी खासियत

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Prime Minister Modi unveiled the new Ashoka Pillar on the roof of the new Parliament House, know its specialty

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तम्भ का अनावरण किया। उन्होंने नई संसद के काम में लगे श्रमजीवी से बातचीत भी की। राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तम्भ 9500 किलोग्राम के कुल वजन के साथ कांस्य से बना है इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। इसे न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग के सेंट्रल फ़ोयर के शीर्ष पर कास्ट किया गया है, प्रतीक के समर्थन के लिए लगभग 6500 किलोग्राम वजन वाले स्टील की प्लेट फ़ॉर्म का निर्माण किया गया है।

नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक की ढलाई की अवधारणा स्केच और प्रक्रिया मिट्टी मॉडलिंग/कंप्यूटर ग्राफिक से कांस्य कास्टिंग और पॉलिशिंग तक तैयारी के आठ अलग-अलग चरणों से गुजरी है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति मैदान में ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और 5 अंडरपास का उद्घाटन किया था। यह परियोजना प्रगित मैदान रिडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट का एक अभिन्न अंग बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की कुल लागत 920 करोड़ से अधिक आई है।

परियोजना की कुल लागत 920 करोड़ रुपये –

प्रधानमंत्री की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 920 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनाई गई यह इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रगति मैदान में आयोजित होने वाली विश्व स्तरीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर तक लोगों को आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी। PMO की विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस परियोजना के तहत बनाए गए अंडरपास में स्मार्ट फायर मैनेजमेंट मॉडर्न वेंटिलेशन और ऑटोमेटेड वाटर ड्रैनेज सिस्टम, डिजिटल रूप से संचालित CCTV कैमरे और सुरंग के अंदर सार्वजनिक अनाउंसमेंट सिस्टम जैसी सुविधा दी गई है।

प्रदर्शनी में आयोजक और विजिटर्स को मिलेगी सुविधा –

प्रगति मैदान में इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास से अब प्रगति मैदान में आयोजित होने वाली किसी भी प्रदर्शनी में आयोजक और विजिटर्स आसानी से पहुंच पाएंगे। इस परियोजना की मदद से वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की जा सकेगी, जिससे यहां आने वाले लोगों के समय की बचत हो सकेगी।

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