किसान विरोधी भाजपा को कांग्रेस पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नही है-मोहन मरकाम
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6000 रू. प्रति किसान 3 किस्तों में देने वाले प्रति एकड़ 10000 रू. देने वालो से सवाल पूछ रहे है : मोहन मरकाम
●भाजपा की केन्द्र सरकार किसान सम्मान निधी किस्तों में ही देती है●
●किसान विरोधी भाजपा को कांग्रेस पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नही है●
●कोरोना संकट लाॅकडाउन के कारण राज्य वित्तीय संकट का सामना कर रहा है●
●इसके बावजूद कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिये 1500 करोड़ रू. जारी किये●
@thenewswave.comरायपुर/22 मई 2020। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि जिस भाजपा ने अपने शासनकाल में न किसानों को 2100 रू. समर्थन मूल्य दिया, न 5 साल 300 रू. बोनस दिया, न 5 हासपावर पंपो को मुफ्त बिजली का वादा निभाया न किसानों की कर्जमाफी की, वह किस मुंह से कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े करती है। छत्तीसगढ़ के किसान कभी इस बात को नहीं भूल सकते है कि इस साल 2500 रू. धान का दाम देने में भाजपा की ही केन्द्र सरकार ने ही रूकावट डाली है। भाजपा अपने गरेबान में झांककर देखे पहले। कोरोना संकट लाॅकडाउन के कारण उत्पन्न वित्तीय संकट में राज्य की राजस्व आय में कमी आयी है। इसके बावजूद कांग्रेस सरकार ने किसानों को 1500 करोड़ रू. जारी किये है।
◆प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि किसानों से वादाखिलाफी और किसान विरोधी आचारण भाजपा का चरित्र है और उस किसान विरोधी भाजपा की केन्द्र सरकार किसान सम्मान निधी किस्तों में ही देती है। 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा छत्तीसगढ़ में सरकार बनने पर किसानों के धान की कीमत 2100 रुपया प्रति क्विंटल और 300 रुपया बोनस देने का वादा किया था ठीक उसी तरह 2014 लोकसभा चुनाव में किसानों से केंद्र में भाजपा की सरकार बनने पर स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने,महंगाई कम करने,किसानों की आय दुगुनी करने का वादा किया था। लेकिन 2013 में बनी रमन सिंह की सरकार और 2014 में बनी मोदी की सरकार ने किसानों से वादाखिलाफी कर किसानों के साथ अन्याय किया। मोदी सरकार ने रासायनिक खादों के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर , सस्ते डीजल को महंगे दामों में बेचकर मुनाफाखोरी कर महंगाई की मार झेल रहे कर्ज से दबे हताश परेशान मजबूर देशभर के किसानों को लगातार नुकसान पहुंचाया है।
◆प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि किसान सम्मान निधि के नाम से निरंतर किसानों का अपमान तो भाजपा की मोदी सरकार कर रही है। भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि किसानो की इतनी ही चिंता है तो भाजपा नेता केन्द्र सरकार को छत्तीसगढ़ राज्य के लिये 30 हजार करोड़ के लिये वित्तीय पैकेज देने के लिये क्यों नहीं कहते?
◆किस्तों पर भाजपा नेताओं के सवालों को खारिज करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि इस समय प्रदेश की अर्थव्यवस्था बड़े खर्च की अनुमति नहीं दे रही है। विपरीत परिस्थितियों में कोरोना लाकडाउन के कारण वित्तीय संकट के बावजूद छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने दृढ़ संकल्प के साथ गरीब, मजदूर, किसानों की मद्द के लिये कदम आगे बढ़ाये है जो दूरदर्शी सोच का हिस्सा है। दरअसल किसानों को खेती के लिये पैसों की जरूरत एकमुश्त नहीं होती। समय-समय पर खर्च करने की आवश्यकता होती है और उसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुये समय-समय पर उनके खाली हाथ को मलने से बचाने के लिये किस्तों का फैसला लिया गया। जाहिर है, इससे खेती का काम नहीं रूकेगा और समय पर किसान अपने कृषि कार्य को पूरा कर सकेंगे।
◆प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि विगत 18 माह में लगातार कांग्रेस की भूपेश सरकार द्वारा अपने हर महत्वपूर्ण संकल्प पर अमल का सिलसिला जारी है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्य तिथि पर कांग्रेस सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना का आगाज कर कारोना संकट में किसानों को बड़ी राहत पहुंचाने का काम किया है। पूरे प्रदेश मंत्रीमंडल के साथ-साथ इस अवसर पर विडियो कान्फ्रेंसिग में पार्टी के प्रमुख सोनिया गांधी, राहुल गांधी, छत्तीसगढ़ के प्रभारी पी.एल. पुनिया, छत्तीसगढ़ के प्रभारी सचिव डाॅ. चंदन यादव, प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारीगण भी किसानों को मिले इस न्याय के साक्षी बने।
◆प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कोरोना काल में यह राहत बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि वास्तव में किसानों को इसकी जरूरत थी। यह समय खेती किसानी की शुरूआत है, बोवई का काम सामने है। लाॅकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था के साथ किसान-मजदूरों की रीढ़ पर भी प्रहार किया है। आज किसान को अपनी दीगर जरूरतों के साथ-साथ खेती के शुरूआती खर्चे की आवश्यकता थी। ऐसे विकट समय में सरकार ने प्रति एकड़ दस हजार की प्रोत्साहन राशि देकर न केवल उनकी जरूरतों को पूरा करने कदम बढ़ाया, बल्कि उनकी सालाना आमदनी के जरिए में बोनी की तैयारी में मदद् पहुंचाने का काम किया है। किसान न्याय योजना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सकारात्मक सोच और संवेदनशीलता का परिणाम है। योजना से वंचित हो रहे लोगो को जोड़ने के लिए इसमें दो बड़े संशोधन भी किए हैं पहला उन्होंने योजना का दायरा बढ़ा दिया। पहले योजना में केवल धान उत्पादकों के लिये बोनस यानी प्रोत्साहित राशि का ऐलान किया गया था। लेकिन बाद में उन्होंने सभी फसलों को इसमें शामिल कर लिया। खरीफ में इस धान के आलावा मक्का, सोयाबीन, मूंगफली तिल, अरहर, और यहां तक कि गन्ना और कोदो-कुटकी को बिना शोर मचाये शामिल कर बता दिया कि गरीबों, मजदूरों, किसानों के साथ कांग्रेस सरकार खड़ी है। कोरोना संकट से जूझ रहे भूमिहीन कुषि मजदूरों को भी इस योजना के दायरे में शामिल करने का फैसला कर भूपेश बघेल सरकार ने उनकी भी पीड़ा दूर करने की पहल की।