Amit Shah Raipur Conference | Country free from Naxalism by the next conference – Amit Shah
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने तीन दिवसीय 60वीं DGP/IGP कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में DGsP/IGsP कॉन्फ्रेंस अब देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं, चुनौतियों और रणनीतियों पर नीति निर्धारण का प्रभावी मंच बन चुकी है। उन्होंने विश्वास जताया कि अगली DGsP/IGsP कॉन्फ्रेंस से पहले देश नक्सलवाद की समस्या से पूर्णतः मुक्त हो जाएगा।
अमित शाह ने बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले 7 वर्षों में 586 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन बनाकर सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया है, जिसके परिणामस्वरूप 2014 में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 थी, जो आज घटकर केवल 11 रह गई है। उन्होंने कहा कि पिछले 40 वर्षों से नक्सलवाद, नार्थ-ईस्ट और जम्मू-कश्मीर जैसे तीन बड़े हॉटस्पॉट देश के लिए चुनौती बने हुए थे, लेकिन मोदी सरकार ने इनका स्थायी समाधान प्रस्तुत किया है और ये क्षेत्र जल्द ही देश के बाकी राज्यों की तरह विकसित और सुरक्षित हो जाएंगे।
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार ने NIA और UAPA को मजबूत बनाने के साथ ही तीन नए आपराधिक कानून लागू किए हैं तथा नारकोटिक्स और भगोड़ों के खिलाफ कठोर प्रावधान किए हैं। उन्होंने दावा किया कि तीनों नए आपराधिक कानून पूरी तरह लागू होने के बाद भारत की पुलिसिंग दुनिया की सबसे आधुनिक पुलिसिंग व्यवस्था बन जाएगी।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाने के बाद देशभर में उसके ठिकानों पर छापेमारी कर बड़े स्तर पर गिरफ्तारियां कीं, जो केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मजबूत समन्वय का उदाहरण है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां Intelligence की Accuracy, Objective की clarity और Action की synergy पर काम करते हुए कट्टरता, उग्रवाद और नारकोटिक्स नेटवर्क पर लगातार प्रहार कर रही हैं।
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि नारकोटिक्स और संगठित अपराध पर 360 डिग्री कार्रवाई कर ऐसा तंत्र विकसित किया जा रहा है, जिससे देश में ड्रग तस्करों और अपराधियों को एक इंच भी जमीन न मिल सके। उन्होंने राज्यों की पुलिस से आग्रह किया कि वे NCB के साथ मिलकर राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय नारकोटिक्स गिरोहों के खिलाफ सख्त अभियान चलाएँ और उनके सरगनाओं को जेल की सलाखों के पीछे भेजें।
