केशकाल | सुरडोंगर स्टेडियम में क्रिकेट खेल रहा युवक लोहे के पोल से टकराकर हुआ घायल, खेल मैदान में टेंट लगाए जाने पर युवाओं ने जताई नाराजगी
1 min readनीरज उपाध्याय/केशकाल:- नगर के सुरडोंगर प्रियदर्शिनी स्टेडियम में शुक्रवार की सुबह क्रिकेट खेलने के दौरान एक युवक लोहे के पोल से जा टकराया जिसके कारण उक्त युवक के माथे पर गहरी चोट आई है। हालांकि उक्त युवक को तत्काल उपचार हेतु केशकाल अस्पताल पहुंचा दिया गया है लेकिन खेल मैदान में टेंट लगने के कारण खिलाड़ियों को हो रही परेशानी से युवाओं में काफी नाराजगी देखने को मिली। फिलहाल मौके पर पहुंचे एसडीएम व नगर पंचायत अध्यक्ष ने टेंट लगने के लिए ग्राउंड में एक निश्चित सीमा निर्धारित कर दी है ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो।
कुछ दिनों पहले भी हुई थी शिकायत-
आपको बता दें कि स्टेडियम में क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों ने कुछ दिन पूर्व भी नगर पंचायत अध्यक्ष रोशन जमीर खान व एसडीएम शंकरलाल सिन्हा से मुलाकात कर टेंट लगने के कारण होने वाली असुविधा व दुर्घनाओं की संभावना से अवगत करवाया था। जिस पर एसडीएम ने टेंट लगाने वालों को निर्देश दिए थे कि एक निश्चित सीमा में टेंट लगाया जाए।
बॉल कैच लेते वक्त हुआ हादसा-
वहीं शुक्रवार की सुबह क्रिकेट खेलने के दौरान सुरडोंगर निवासी मिंटू वेदव्यास लोहे के पोल से टकराकर घायल हो गया। उसे देखते ही खिलाड़ियों ने तत्काल उपचार हेतु अस्पताल पहुंचाया। जहां युवाओं द्वारा काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी घायल को देखने के लिए एक भी डॉक्टर नहीं आने का आरोप भी लगाया गया है। फिलहाल डॉक्टरों के द्वारा घायल के चेहरे पर आई चोट का प्राथमिक उपचार किया।
युवाओं की शिकायत पर तत्काल अस्पताल पहुंचे एसडीएम-
इधर युवाओं ने एसडीएम शंकरलाल सिन्हा को भी फ़ोन के माध्यम से डॉक्टरों की लेटलतीफी की शिकायत की। एसडीएम ने अस्पताल पहुंच कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया तथा जो स्वास्थ्यकर्मी अनुपस्थित पाए गए उनकी अनुपस्थिति दर्ज भी की गई है।
टेंट लगने के लिए निर्धारित हुई सीमा-
इसके पश्चात एसडीएम व नगर पंचायत अध्यक्ष सुरडोंगर स्टेडियम पहुंचे। क्रिकेट खिलाड़ियों ने उनके समक्ष शादी समारोह का टेंट लगाए जाने को लेकर काफी नाराजगी जाहिर किया। लगभग आधे घण्टे तक चर्चा करने के पश्चात एक बार पुनः सभी की सहमति से टेंट लगाने के लिए एक सीमा निर्धारित की गई है ताकि शादी समारोह भी संपन्न हो जाए तथा क्रिकेट खेलने में खिलाड़ियों को असुविधा न हो।