छत्तीसगढ़ शर्मसार | नाबालिग के साथ सामुहिक दुष्कर्म, मर चुकी है पीड़िता, थाने में दर्ज नही है कोई केस, 2 महीनों बाद ऐसे हुआ खुलासा… !
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केशकाल । देश भर में इन दिनों आए दिन अनाचार के मामले सामने आ रहे हैं, उत्तर प्रदेश के हाथरस व छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के बाद अब केशकाल विधानसभा के धनोरा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक और निर्भया के साथ 7 लोगो के द्वारा सामुहिक अनाचार जैसी घिनौनी घटना को अंजाम देने के कारण युवती के फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। जिसके पश्चात उसकी मौत हो गई और उसे दफनाया दिया गया। 2 माह बाद उसके पिता ने भी जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया हैं। लेकिन आज दिनांक तक न तो सामुहिक अनाचार को लेकर थाने में किसी प्रकार का केस दर्ज हुआ है न ही आत्महत्या के प्रकरण की गुत्थी सुलझी है। गरीब आदिवासी युवती की मौत के लगभग 2 माह बीतने के बाद 4 अक्टूबर को पीड़िता के पिता के द्वारा भी जहर का सेवन कर आत्महत्या करने का प्रयास करना ये दोनों घटना अपने आप मे काफी सारे रहस्य समाहित होने की संभावनाएं बताई जा रही हैं वही दोनों ही प्रकरणों में किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई न होना भी जनचर्चा का विषय बना हुआ है।
मृतिका की सहेली ने बताई आपबीती, घटनाक्रम के विभिन्न रहस्यों का हुआ खुलासा-
घटना की जानकारी मिलने पर पीड़ित लड़की के परिवार वालो से मिलने पर लड़की के सहेली ने उस रात किस प्रकार से घटना घटित हुआ है उसके बारे में पूरा विस्तृत जानकारी बतलाते हुए कहा कि 2 माह पहले मैं और मेरे सहेली शादी में शामिल होने के लिए ग्राम कनागांव गए थे। जहां रात के वक्त हम सब शादी में नाच रहे थे कि कनागांव व फुंडेर गांव के लगभग 7 युवक ने जबरदस्ती पीड़िता को शादी वाले घर से उठाकर जंगल की ओर लेकर चले गए। जहां घन्टो तक युवकों के द्वारा लाचार व बेबस युवती के साथ सामुहिक रूप से अनाचार जैसी घिनौनी घटना को अंजाम दिया गया और देर रात्रि फिर से शादी घर में पहुची और घटना के बार मे पूरी जानकारी बतलाई उस वक्त पीड़िता के शरीर से काफी खून निकल रहा था । घटना में शामिल कुछ युवक शराब के नशे में भी थे तथा घटना को अंजाम देने से पहले जब युवकों का समूह पीड़ित युवती को जबरन ले जा रहे थे तब मैं भी मौजूद थी कुछ युवकों के द्वारा मुझे भी घेर लिए थे लेकिन मै किसी तरह उनके चंगुल से निकल कर भाग गई। पीड़ित युवती की सहेली ने बताया कि आरोपी युवकों ने हमको धमकी देते हुए कहा था कि यदि घटना की जानकारी घरवालों को दिया तो दोनों को जान से मार दिया जाएगा। इसलिए डर के कारण हम चुप रहे तथा घर मे किसी को कुछ नही बताया। लेकिन घटना के बाद यह बात पूरे शादी घर में फैल गई थी ।
तनाव में आकर 2 दिन बाद पीड़ित युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया-
मृतक युवती के चाचा ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य खेत मे काम कर रहे थे तथा उक्त युवती के माता पिता घर मे न होने के कारण वह छोटे बच्चों के साथ घर मे अकेली थी। तभी दोपहर लगभग 2 बजे बच्चों ने खेत आ कर बताया कि दीदी ने फांसी लगा लिया है। जिसके तुरन्त बाद हम लोग घर पहुंचे तथा युवती को नीचे उतारा तब तक वह जीवित थी, तथा उसे अस्पताल लेकर जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था कर रहे थे उससे पहले ही उसने प्राण त्याग दिया। चूंकि युवती के माता-पिता गांव से बाहर थे इसलिए उसका अंतिम संस्कार नही किया गया था, तथा अगले दिन सुबह 11 बजे सबकी उपस्थिति में शव को दफन कर दिया गया। तथा दफनाने के बाद शाम को अंचलापारा के कुछ युवकों द्वारा हमे जानकारी मिली कि मृत युवती के द्वारा कनागांव में कुछ युवकों के द्वारा सामुहिक अनाचार किया गया था।
घटना की जानकारी होने के बाद भी केस दबाने की कोशिश में धनोरा पुलिस ने कोई कार्रवाई नही किया-
अमरु कावड़े ने यह भी बताया कि उक्त घटना के कुछ दिन बाद धनोरा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी रमेश शोरी ने हमें थाना बुलाया था, जहां उन्होंने कहा था कि उन्हें अनाचार व आत्महत्या दोनों घटना की जानकारी मिल गयी है तथा वह एफआईआर दर्ज कर रहे हैं। हमें कानूनी कार्रवाई हेतु तैयार रहने व गवाही देने को कहा गया था जिससे हमे कोई आपत्ति नही थी। लेकिन आज दिनांक तक उक्त घटना में संलिप्त आरोपियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नही हुई है तथा सभी आरोपी स्वतंत्र होकर घूम रहे हैं। युवती के साथ हुए अनाचार व उसकी आत्महत्या का मामला पूरी तरह से रफा दफा कर दिया गया था।
2 महीनों के बाद युवती के पिता के आत्महत्या के प्रयास करने के बाद कुछ अनसुलझे रहस्यों का खुलासा हुआ है-
लेकिन अचानक किन्ही अज्ञात कारणों की वजह से 4 अक्टूबर को पीड़ित युवती के पिता ने अचानक बिना किसी कारण के घर मे पड़े कीटनाशक का सेवन कर के आत्महत्या करने का प्रयास किया। हालांकि परिजनों के द्वारा उसे समय रहते अस्पताल पहुंचा देने के कारण उसकी जान बच गयी लेकिन ठीक दूसरे दिन 5 अक्टूबर को युवती के पिता ग्लूकोज की बोतल समेत अस्पताल में बिना किसी को जानकारी दिए भाग गया। पीड़ित लड़की के पिता द्वारा असामान्य रूप से बिना कोई कारण बताए जब आत्महत्या का प्रयास किया तो यह घटना परिजनों को भी संदेहास्पद लगी। जब उन्होंने इसके पीछे का कारण जानने का प्रयास किया तो किसी प्रकार से इसकी कड़ी पुत्री के द्वारा की गई आत्महत्या से जुड़ती हुई मिली, तब जाकर इन तमाम रहस्यों का खुलासा हुआ है।
पीड़ित परिवार सरकार से इंसाफ की गुहार लगा रहा है-
गरीब आदिवासी परिवार की पुत्री की मौत तथा उसके बाद पिता के द्वारा आत्महत्या करने का प्रयास करना अपने आप मे कई सारे रहस्यों को समेट कर बैठा है। जिसके लिए मृत युवती के चाचा और उसकी सहेली घटना की पूरी जानकारी बतलाते हुए मीडिया के माध्यम से सरकार से गुहार लगाया है कि जल्द से जल्द इस घटना पर कार्रवाई कर इसमे संलिप्त दोषियों को सजा दी जाए तथा हमे इंसाफ दिलाया जाए। अब सवाल ये है कि इतनी बड़ी घटना का रिपोर्ट धनोरा पुलिस ने क्यों नहीं दर्ज किया, जब आरोपी को थाने में पकड़ कर लाया गया था तब कार्रवाई क्यों नहीं किया गया, उस मृत लड़की को इंसाफ कब मिलेगा ये सारे सवाल अब जनचर्चा का विषय तक ही सीमित रह गए हैं।
मामले की जांच हेतु रवाना हुए एसडीओपी-
इस विषय पर अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अमित पटेल से फोन पर बात करने पर उन्होंने बताया कि मामले को संज्ञान में लिया गया है तथा तसदीक हेतु ग्राम ओड़ागांव के लिए रवाना हो रहे हैं जांच के पश्चात ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।