कोरोना दंश का शिकार | सरकारी कर्मचारियों की असामयिक मौत, परिवार बेसहारा, CM को लिखा पत्र, पढ़ें पूरा मामला…!
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बिलासपुर । छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने सीएम को पत्र लिखकर पुरानी मांग को लेकर ध्यान आकर्षित किया है। संगठन के संयोजक ने सीएम के नाम लिखे पत्र में कहा कि कोरोना संक्रमण रोकथाम में सेवा कर रहे कर्मचारियों की असामयिक मौत से परिवार बेसहारा हो रहा है। कोरोना महामारी जैसे काल बनकर आया है। परिवार के बच्चे और अनाथ हो रहे है। सरकार को कर्मचारियों के परिवार के साथ होने की जरूरत है। जबकि सरकार ने जुलाई में किए गए वादे को अभी तक पूरा नहीं किया है। सरकार से आग्रह है कि कम से कम कोरोना काल में सेवा कर रहे बेसहारा होते सरकारी कर्मचारियों के परिवार के साथ खड़ा हो जाए।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन संयोजक कमल वर्मा ने सीएम के नाम पत्र लिखा है। कर्मचारी नेता ने सीएम को बताया कि शासकीय सेवकों की ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से लगातार मौत हो रही है। इसमें राज्य के डॉक्टर, नर्स, पटवारी, राजस्व निरीक्षक, शिक्षक लिपिक समेत कमोबेश सभी विभागों के कर्मचारी कोरोना दंश का शिकार हो रहे हैं।
सरकारी अमला कोरोना महामारी में जनता को सुरक्षित रखने अपनी प्राण की बाजी लगा रहे है। इसके चलते शासकीय सेवकों का घर उजड़ रहा है। बच्चे अनाथ और बेसहारा हो रहे हैं। घर का सहारा गुजर जाने के बाद घर की माली हालत खराब हो रही है। निश्चित रूप से समस्या बहुत बड़ी है। ऐसी स्थिति में सरकार को कोरोना काल में सेवा दे रहे परिवार के साथ सरकार को खड़ा होने की जरूरत है। सिर्फ संवेदना जाहिर करने से पीड़ित परिवार का भला नहीं होने वाला है। परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी भी सरकार को लेना होगा।
संघ के संयोजक कमल वर्मा ने पत्र के माध्यम से सीएम को स्मरण कराया है कि 2 जुलाई को आपके साथ बैठक हुई थी। सभी ने राजस्थान सरकार की तर्ज पर कोरोना काल में सेवा दे रहे कर्मचारियों की मौत पर 50 लाख राशि दिए जाने की बात हुई थी। साथ ही परिवार के सदस्य को नौकरी दिए जाने का निवेदन किया गया था। मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए आश्वासन भी दिया गया कि इस प्रकार का मामला सामने आने पर सरकार तत्काल कदम उठाएगी। जिसका प्रतिनिधिमंडल ने स्वागत भी किया था। बावजूद इसके आज तक ना तो आदेश जारी किया गया। और ना ही सरकारी सेवक के पीड़ित परिवार को किसी प्रकार की राहत ही मिली।
कमल वर्मा ने सीएम से पत्र के माध्यम से निवेदन किया कि संक्रमित सेवक के असामयिक मृत्यु के बाद तत्काल 50 लाख की अनुग्रह राशि पीड़ित परिवार को दी जाए। साथ ही परिवार के सदस्य को योग्यतानुसार अनुकम्पा नियुक्ति का आदेश जारी किया जाए।