RAIPUR NEWS | CORONA वेक्सिन वाली स्टॉफ नर्स का एक और फर्जीवाड़ा, बेरोजगारों को लगाया चुना, काम भी कराती थी और सेलेरी भी देती थी… लेकिन
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रायपुर। राजधानी रायपुर में कोरोना का फर्जी वैक्सीन लगाने के एवज में पैसों की उगाही मामले में गिरफ्तार स्टाफ नर्स का एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। गिरफ्तार स्टाफ नर्स ने स्वास्थ विभाग में सरकारी नौकरी लगाने के एवज में करीब 11 ग्रामीण शिक्षित बेरोजगारों से लाखों रूपये लेने की लिखित शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
पीड़ित निजी न्यूज़ चैनल पर फर्जी वैक्सीन लगाने के नाम पर स्टाफ नर्स दीपादास और उसके पार्टनर राकेश चंद्र सिंह सार की गिरफ्तारी की खबर देखने के बाद रायपुर के सिविल लाइन थाना पहुंचे। बेरोजगारों ने बताया कि आरोपिया दीपादास ने एक साल पहले कई शिक्षित बेरोजगारों से मेकाहारा में संविदा और नियमित वार्ड नर्स, वार्ड बॉय समेत सुपरवायजर के पद पर सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर करीब 5 लाख रूपये वसूले थे।
इतना ही नही फर्जी नियुक्ती पत्र देकर करीब 8 महीने मेकाहारा के वार्ड 9 में काम भी करवाया और अपने पास से 3 हजार से 10 हजार रूपये तक सैलेरी भी देती थी। लेकिन उसके बाद सभी को विभाग में पैसा नही होने का हवाला देकर काम पर आने से मना कर दिया।
जिसके बाद सभी पीड़ित शिक्षित बेरोजगारों ने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपिया ने कई अधिकारियो, नेताओं और पुलिस अधिकारियो से संबंध होने का रसूख दिखाया और जो करना हो करने की धमकी दी, जिसके बाद सभी शिक्षित बेराजगारों ने इसकी शिकायत तात्कालिक रायपुर एसपी से की। शिकायत जांच का जिम्मा मौदहापारा थाने को दी गई, लेकिन आजतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
ठगी के शिकार बेरोजगार दुर्ग, बेमेतरा, गरियाबंद और आरंग समेत दुर्ग के पाटन के रहने वाले हैं। पीड़ितों की माने तो मौदहापारा थाना पुलिस ने आरोपियों को बुलवाकर पूछताछ की लेकिन पुलिस ने अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। फिलहाल ये सभी शिक्षित बेरोजगार इंसाफ के लिए भटकने के लिए मजबूर है।