राहुल गांधी ने पूछा-जवानों और अधिकारियों का खाना अलग क्यों?
1 min readआज की बैठक का आधिकारिक एजेंडा रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों द्वारा ब्रीफिंग, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में रक्षा बलों के लिए राशन और आवश्क वस्तुओं की गुणवत्ता की निगरानी था.
Delhi/thenewswave.com सीमा पर चीन से साथ जारी गतिरोध के बीच शुक्रवार को संसद की रक्षा मामलों की स्थायी समिति की बैठक हुई. इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी शामिल हुए. संसद की रक्षा मामलों की स्थायी समिति के सूत्रों के मुताबिक बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रश्न उठाया कि सैनिकों और सशस्त्र बलों के अधिकारियों का भोजन क्यों अलग है?
सूत्रों के मुताबिक इस पर रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यह कहते हुए प्रतिक्रिया दी, ‘ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले जवानों की खाने की आदतें और स्वाद अधिकारियों की तुलना में अलग होता है, जो कि ज्यादातर शहरी पृष्ठभूमि से आते हैं. हालांकि सैनिकों और अधिकारियों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता में कोई अंतर नहीं है.’
आज की बैठक का आधिकारिक एजेंडा रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों द्वारा ब्रीफिंग, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में रक्षा बलों के लिए राशन और आवश्क वस्तुओं की गुणवत्ता की निगरानी था. रक्षा स्रोतों पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक में एनसीपी नेता शरद पवार ने लद्दाख में एलएसी के साथ मौजूदा स्थिति पर एक प्रजेंटेशन की मांग की. इस पर रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उनके अनुरोध को नोट कर लिया गया है.
इससे पहले राहुल गांधी ने शुक्रवार सुबह अपने ट्वीट में लिखा, “चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया. भारत सरकार इसे वापस हासिल करने की योजना बना रही है? या फिर इसे भी एक “दैवीय घटना बताकर छोड़ा जा रहा है.” राहुल गांधी पहले भी कई बार चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं.
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चीन के अलावा कोरोना वायरस (Coronavirus), रोजगार, निजीकरण, परीक्षाओं, जीडीपी में गिरावट, अर्थव्यवस्था और परीक्षाओं को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी मानसूत्र सत्र में भी चीनी घुसपैठ के मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है.