असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था-राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
1 min readपूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को 10 अगस्त को सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी. बाद में उनके फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया था.
Delhi/thenewswave.comपूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का सोमवार को सेना अस्पताल में निधन हो गया. सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल में भर्ती मुखर्जी की हालत सोमवार को और बिगड़ गई थी. अस्पताल ने बताया था कि मुखर्जी का स्वास्थ्य सोमवार को और खराब हो गई थी. उन्हें फेफड़े में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक लगा है. पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी. बाद में उनके फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया था. उनके निधन पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने दुख जाहिर जताया है. उन्होंने एक बार एक कई ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘पूर्व राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा. उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है. प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ.’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ‘असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था. 5 दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में, अनेक उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी वे सदैव जमीन से जुड़े रहे. अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे सर्वप्रिय थे.’
पूर्व राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। श्री प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 31, 2020
इसके अलावा उन्होंने लिखा, ‘भारत के प्रथम नागरिक के रूप में, उन्होंने लोगों के साथ जुड़ने और राष्ट्रपति भवन से लोगों की निकटता बढ़ाने के सजग प्रयास किए. उन्होंने राष्ट्रपति भवन के द्वार जनता के लिए खोल दिए. राष्ट्रपति के लिए ‘महामहिम’ शब्द का प्रचलन समाप्त करने का उनका निर्णय ऐतिहासिक है.’
दशकों तक जो कांग्रेस के संकटमोचक रहे और जिन्हें देश के सर्वाधिक सम्मानित राजनेताओं में शुमार किया जाता है, वैसे भारत के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया.पांच दशकों तक सार्वजनिक जीवन में रहे मुखर्जी पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. सोमवार शाम उन्होंने राजधानी दिल्ली स्थित सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में अंतिम सांस ली. वे 84 वर्ष के थे. आखिरी क्षणों तक उनका जनता से जुड़ाव बना रहा. ‘सिटीजन मुखर्जी’ ने 10 अगस्त को ट्विटर का इस्तेमाल करते हुए दुनिया को यह सूचना दी कि वे कोविड-19 से संक्रमित हो गए हैं. यह उनकी आखिरी पोस्ट थी और जनता से मुखातिब उनके आखिरी शब्द भी. मुखर्जी ट्विटर का उपयोग अक्सर नेताओं या अपने जानने वालों के निधन पर अपनी संवेदनाएं प्रकट करने या फिर पर्व व त्योहारों या जन्मदिन जैसे विशेष मौकों पर लोगों तक अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करने के लिए किया करते थे.