November 10, 2024

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बिहार चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट कहां चुनाव टालने के लिए कोविड-19 कोई आधार नहीं…

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एक जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से बिहार के कोरोना मुक्त होने तक विधानसभा चुनाव स्थगित करने का अनुरोध किया गया था. अदालत ने इसे सुनने से इनकार करते हुए कहा कि यह समय से पूर्व दायर की गई याचिका है क्योंकि चुनाव आयोग ने अब तक विधानसभा चुनावों के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं की है.

Delhi/thenewswave.com सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधानसभा चुनाव स्थगित करने की मांग वाली जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई से इनकार कर दिया.
अदालत ने कहा कि चुनाव टालने के लिए कोविड-19 कोई आधार नहीं हो सकता. याचिका में राज्य के कोरोना वायरस से मुक्त होने तक चुनाव स्थगित करने का अनुरोध किया गया था.

जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता में जस्टिस आरएस रेड्डी और जस्टिस एआर शाह की पीठ ने कहा, ‘हम चुनाव आयोग से चुनाव नहीं कराने को कैसे कह सकते हैं? कोरोना चुनाव स्थगित करने का कोई वैध आधार नहीं हो सकता.’

याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि प्रतिनिधित्व कानून में असाधारण स्थितियों में चुनाव टाले जाने का प्रावधान है.

इस पर पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग इस पर फैसला करेगा. अदालत चुनाव आयोग को चुनाव नहीं कराने का निर्देश नहीं दे सकती.

याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि चुनाव नहीं बल्कि मानव जीवन सर्वोपरि है. यहां तक कि आम लोग और विधायक तक कोरोना से संक्रमित हैं.

पीठ ने कहा कि यह समय से पूर्व दायर की गई याचिका है क्योंकि चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों के लिए अब तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की है.

पीठ ने कहा कि वह चुनाव स्थगित करने का आदेश नहीं दे सकता. चुनाव आयोग हर स्थिति का आकलन करेगा.

पीठ का कहना है किस तरह कोई भी रिट लागू नहीं की जा सकती और जनहित याचिका खारिज की जाती है.

याचिकाकर्ता अविनाश ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट से मुख्य निर्वाचन अधिकारी को कोविड-19 के चलते चुनाव टालने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.

इस याचिका में कहा गया था कि लोक प्रतिनिधित्व कानून में असाधारण स्थितियों में चुनाव टाले जाने का प्रावधान है.

बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने कोरोना के दौरान मतदान के लिए कुछ दिशानिर्देशों का ऐलान किया था.

नए दिशानिर्देशों के तहत नामांकन पत्र दाखिल करते समय केवल दो लोग ही उम्मीदवार के साथ हो सकते हैं.

यदि मतदान के दिन मतदाता में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो उस व्यक्ति को एक टोकन दिया जाएगा, जिसके तहत वह मतदान के आखिरी घंटे में आकर मतदान करेगा.

वहीं, मतदान केंद्र पर रजिस्टर पर हस्ताक्षर करते समय और ईवीएम बटन दबाते समय मतदाताओं को दस्ताने मुहैया कराए जाएंगे.

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