दिल्ली विधानसभा चुनाव: 70 सीटों पर 8 फरवरी को वोटिंग, 11 को आएंगे नतीजे.. केंद्र सरकार पर बजट में दिल्ली से जुड़ी घोषणा करने पर रोक..
1 min readनई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। 8 फरवरी को वोटिंग होगी और 11 फरवरी को नतीजा आएगा। इसके साथ ही दिल्ली में आचार संहिता भी लागू हो गई है। 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटें मिली थीं। भाजपा ने 3 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिल सकी थी। 2015 में चुनाव आयोग ने 12 जनवरी को दिल्ली चुनाव की घोषणा की थी, 7 फरवरी को मतदान हुआ था और 10 फरवरी को नतीजे आए थे।
क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा- मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा है। 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होंगे। विधानसभा का कार्यकाल 22 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा है। 58 सामान्य और 12 आरक्षित हैं। 1 करोड़ 46 लाख 92 हजार 136 वोटर है।
‘‘दिल्ली में 2689 जगहों पर वोटिंग होगी। 13 हजार 757 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। चुनाव में 90 हजार कर्मचारियों की जरूरत होगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए चुनाव आयोग ने खास इंतजाम किए हैं।’’
अरोड़ा ने कहा कि यह मुद्दा 2017 में सामने आया था। इसके बाद आयोग ने फैसला किया था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए आम बजट में राज्य आधारित योजना की घोषणा नहीं की जा सकेगी। ऐसी कोई घोषणा नहीं की जा सकेगी जो उन मतदाताओं को प्रभावित कर सकती हो, जहां चुनाव होने जा रहे हैं। यह फैसला 5 राज्यों उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, मणिपुर और उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान लिया गया था। उस वक्त चुनाव प्रक्रिया जारी रहने के दौरान आम बजट पेश किया गया था। दिल्ली चुनाव के मद्देनजर भी आम बजट में न तो दिल्ली से संबंधित किसी योजना की घोषणा की जा सकेगी, न ही दिल्ली में हुए कार्यों को बजट में रेखांकित किया जा सकेगा।
दिल्ली चुनाव में एब्सेंटी वोटर्स की व्यवस्था होगी
देश में एब्सेंटी वोटर्स की व्यवस्था पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव से मिलने जा रही है। इसके तहत विकलांगों और 80 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के पास खुद पोलिंग बूथ जाकर वोट डालने के साथ-साथ बूथ न पहुंच पाने की स्थिति में पोस्टल बैलट के जरिए मतदान करने का भी विकल्प रहेगा। एब्सेंटी वोटर्स के लिए चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को सिफारिशें भेजी थीं। इस सिफारिश को मंजूर करते हुए विधि मंत्रालय ने अक्टूबर 2019 में निर्वाचन 1961 में संशोधन कर दिया था। इससे पहले तक सशस्त्र बलों के कर्मियों और चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों के पास ही पोस्ट बैलट की सुविधा थी।