Chhattisgarh | Election Commission’s strictness, more than 5 lakh names deleted in CG
रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के पहले चरण का काम पूरा हो गया है। इस अभियान में रायपुर की 7 विधानसभा सीटों समेत बलौदाबाजार विधानसभा से 5 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। ये नाम फर्जी, डुप्लिकेट या अप्रासंगिक पाए गए।
सबसे ज्यादा असर रायपुर जिले में दिखा है। यहां की सात विधानसभा सीटों से कुल 5 लाख 11 हजार 136 नाम काटे गए। इनमें 23 हजार 180 ऐसे मतदाता हैं जो अनट्रेसेबल या लंबे समय से अनुपस्थित पाए गए, 3 लाख 87 हजार 330 मतदाता शिफ्टेड हैं, 14 हजार 311 नाम पहले से एनरोल्ड यानी डुप्लिकेट थे और 2313 नाम अतिरिक्त पाए गए।
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि जिन मतदाताओं के नाम कटे हैं, वे दावा-आपत्ति के जरिए अपना नाम दोबारा जुड़वा सकते हैं। इसके लिए अंतिम तारीख 31 दिसंबर तय की गई है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, यह अभियान 2023 विधानसभा चुनाव के बाद शुरू किया गया था, ताकि मतदाता सूची को पूरी तरह सटीक बनाया जा सके। पहले चरण में रायपुर, धमतरी, बिलासपुर सहित 8 विधानसभा क्षेत्रों पर फोकस किया गया। आयोग का कहना है कि नाम कटने से वोटर लिस्ट मजबूत होगी और कोई भी वास्तविक मतदाता वंचित नहीं होगा। रायपुर में कुल 22 लाख मतदाताओं में से करीब 23 प्रतिशत नामों पर कार्रवाई हुई है, जो बढ़ते माइग्रेशन को दर्शाता है।
इधर, SIR ड्राफ्ट रोल और लाखों नाम कटने को लेकर सियासत भी गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाते हुए कहा कि हटाए गए नामों में कितने रोहिंग्या और कितने बांग्लादेशी हैं, इसकी स्पष्ट जानकारी जनता को दी जानी चाहिए। उन्होंने इसे लेकर चुनाव आयोग और भाजपा पर निशाना साधा।
भूपेश बघेल के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता विजय शंकर मिश्रा ने कहा कि SIR पूरी तरह संवैधानिक प्रक्रिया है और यह कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी होता रहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या उस समय कांग्रेस ने इसे गलत माना था। वहीं घुसपैठियों के मुद्दे पर भाजपा ने कांग्रेस पर समर्थन देने का आरोप भी लगाया।
