Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ बनेगा टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब : मुख्यमंत्री साय

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Chhattisgarh will become a technology and innovation hub: Chief Minister Sai

रायपुर, 7 नवंबर 2025। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) के 10वें स्थापना दिवस पर आयोजित दो दिवसीय ‘मेक इन सिलिकॉन’ संगोष्ठी का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब मध्य भारत का टेक्नोलॉजी और नवाचार हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि “भारत सेमीकंडक्टर निर्माण और तकनीकी आत्मनिर्भरता के नए युग में प्रवेश कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने इलेक्ट्रॉनिक्स और चिप निर्माण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं, और छत्तीसगढ़ इस मिशन में सक्रिय भागीदार बनने को तैयार है।”

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य की नई औद्योगिक नीति में सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। नवा रायपुर में सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना का भूमिपूजन किया जा चुका है, जिससे युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘इज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ के साथ अब ‘स्पीड ऑफ डूइंग बिज़नेस’ पर भी बल दे रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर को आईटी और इनोवेशन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। “हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को मध्य भारत का ज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का केंद्र बनाएं तथा भारत के सेमीकंडक्टर मिशन में अपनी भूमिका निभाएं,” उन्होंने आह्वान किया।

कार्यक्रम में वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब शिक्षा और तकनीकी विकास का नया केंद्र बन रहा है। उन्होंने कहा कि “आज का युग टेक्नोलॉजी-ड्रिवन इकॉनमी का है। पावर टेक्नोलॉजी और डिजिटल सिस्टम हमारे जीवन और अर्थव्यवस्था के केंद्र में हैं, इसलिए युवाओं को कौशल और नवाचार पर ध्यान देना होगा।”

उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि “सेमीकंडक्टर और औद्योगिक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए ‘मेक इन सिलिकॉन’ एक बड़ी पहल है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप तकनीकी शिक्षा और शोध को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।”

IIIT नवा रायपुर के निदेशक प्रो. ओम प्रकाश व्यास ने संस्थान की 10 वर्षों की उपलब्धियाँ साझा करते हुए बताया कि यहां शिक्षण, अनुसंधान और उद्योग-आधारित परियोजनाओं के माध्यम से छात्रों को वैश्विक स्तर की तकनीकी दक्षता प्रदान की जा रही है।

‘मेक इन सिलिकॉन’ संगोष्ठी में देशभर से आए शिक्षाविद्, वैज्ञानिक और उद्योग विशेषज्ञ शामिल हुए। इसमें वीएलएसआई डिजाइन, नैनोइलेक्ट्रॉनिक्स, क्वांटम डिवाइस, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और उद्योग-शिक्षा सहयोग जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।

इस पहल का उद्देश्य भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर नवाचार और निर्माण का केंद्र बनाना है, जिससे देश आत्मनिर्भर भारत मिशन की दिशा में एक और सशक्त कदम बढ़ा सके।

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