Chhattisgarh | “The path to a developed India is from a developed Chhattisgarh” – the Vice President said, now development and trust have replaced fear.
रायपुर, 6 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित रजत महोत्सव के भव्य समापन समारोह में आज उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
नवा रायपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने राज्य की 25 साल की विकास यात्रा को “जन-प्रेरित परिवर्तन और सहभागी प्रगति का प्रतीक” बताया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने भय और हिंसा से ऊपर उठकर अब विकास और विश्वास की नई पहचान बनाई है। उन्होंने नक्सलवाद पर नियंत्रण को राज्य, केंद्र और सुरक्षा बलों की सामूहिक इच्छाशक्ति का परिणाम बताया।
उन्होंने राज्य निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के दूरदर्शी नेतृत्व को श्रद्धांजलि दी और कहा कि “1 नवंबर 2000 को जो सपना देखा गया था, आज वह साकार होते दिख रहा है।”
श्री राधाकृष्णन ने छत्तीसगढ़ को “विकसित भारत का मॉडल” बताते हुए कहा कि राज्य ने कृषि, बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य और आईटी सेक्टर में उल्लेखनीय प्रगति की है।
उन्होंने नवा रायपुर को देश का पहला ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी बताते हुए उसकी सराहना की और कहा कि “यह शहर भारत की आधुनिक तकनीक, नवाचार और सतत विकास की मिसाल है।”
उपराष्ट्रपति ने राज्य के आदिवासी समुदायों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे वन, संस्कृति और विरासत के सच्चे संरक्षक हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने अपनी सांस्कृतिक जड़ों को बचाते हुए आधुनिकीकरण का संतुलन कायम किया है।
उन्होंने राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की विशेष रूप से प्रशंसा की, जो 72 लाख से अधिक लोगों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराती है, और इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को बधाई दी।
भाषण के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा –
“प्रगति केवल GDP से नहीं, बल्कि लोगों के चेहरों पर मुस्कान, शासन में उनके विश्वास और हर बच्चे की आंखों में चमकती आशा से मापी जाती है।” उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, हरित तकनीक और वैश्विक अवसरों का लाभ उठाकर नए भारत के निर्माण में भागीदार बनें।
कार्यक्रम में राज्यपाल श्री रमन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। कार्यक्रम का समापन देशभक्ति और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ, जिसने छत्तीसगढ़ की जीवंत पहचान को दर्शाया।
