Chhattisgarh | On the instructions of Chief Minister Sai, immediate relief, flood victims got ration, treatment and facility to make necessary documents
रायपुर, 4 सितंबर। बस्तर संभाग में हाल ही में आई भीषण बाढ़ के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने त्वरित राहत और पुनर्वास कार्यों की शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विदेश दौरे से लौटते ही दंतेवाड़ा में हुई संभागीय बैठक में दिए निर्देशों पर तेजी से अमल किया जा रहा है।
प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में राशन, दवाइयाँ, इलाज, गैस चूल्हे और सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पानी उतरने के बाद अब नुकसान का आकलन कर मुआवजा वितरण भी शुरू कर दिया गया है। खास बात यह है कि जिन बाढ़ पीड़ितों के जरूरी दस्तावेज बह गए या नष्ट हो गए थे, उन्हें नए दस्तावेज जैसे किसान किताब, राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड और बैंक पासबुक जारी किए जा रहे हैं।
लोहंडीगुड़ा तहसील के मांदर गांव में प्रभावित किसानों को नई किसान किताब वितरित की गई है, जिससे वे सरकारी योजनाओं और भविष्य की सहायता के पात्र बन सकें। वहीं प्रशासन की टीमें घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं और पात्रता के अनुसार तत्काल राहत राशि सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर कर रही हैं।
सरकार का कहना है कि मकान, फसल, पशु और घरेलू सामग्री की क्षति का पारदर्शी तरीके से आकलन किया जा रहा है ताकि कोई भी पीड़ित परिवार मदद से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री साय ने साफ किया है कि किसी भी जरूरतमंद को आपदा की इस घड़ी में अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।
स्थानीय लोगों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। प्रभावित ग्रामीण मुरहा पटेल ने कहा, “हमें लगा सब खत्म हो गया, लेकिन सरकार की त्वरित मदद से जीवन को नए सिरे से शुरू करने की उम्मीद जगी है।”
यह पहल दिखाती है कि सरकार न केवल तत्काल राहत बल्कि पीड़ित परिवारों के पुनर्वास और भविष्य की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर है।