Chhattisgarh | Political battle in Congress due to Chaubey’s statement on Bhupesh Baghel, PCC sent report to Delhi
रायपुर। सत्ता से बाहर होने के बाद भी कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही। पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जन्मदिन की बधाई देते हुए यह कह दिया कि “बघेल को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए”। इस एक लाइन ने पूरे संगठन में हलचल मचा दी। सवाल खड़े हो गए कि क्या अगला विधानसभा चुनाव बघेल के नेतृत्व में लड़ा जाएगा?
बवाल बढ़ने पर चौबे ने सफाई दी कि कांग्रेस “कलेक्टिव लीडरशिप” में काम कर रही है और चुनाव भी इसी तरह लड़ा जाएगा। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को “छोटा भाई” बताया। वहीं बैज ने पलटवार करते हुए चौबे को “महाज्ञानी” कह दिया और साफ कहा कि “पार्टी से ऊपर कोई नहीं है।”
सूत्रों के मुताबिक पीसीसी ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली भेज दी है, लेकिन किसी बड़ी कार्रवाई की संभावना कम है।
मुद्दों से हटकर बयान पर सियासी बवाल क्यों?
कांग्रेस खेमे में यह भी चर्चा है कि क्या चौबे के बयान से संगठन की कमजोरी उजागर हुई? बघेल खेमे की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन भीतरखाने यह कहा जा रहा है कि जब बघेल प्रदेश अध्यक्ष थे, तब कांग्रेस ज्यादा आक्रामक दिखती थी।
फिलहाल संगठन पर सवाल उठ रहे हैं कि रायपुर में चाकूबाजी, कवर्धा कलेक्टर आवास घेराव, बिलासपुर में बदहाल सड़कें और कोल वॉशरी विवाद जैसे मुद्दों पर कांग्रेस आक्रामक क्यों नहीं है?
यहां तक कि बिलासपुर विकास भवन में मटका फोड़ प्रदर्शन करने वाली महिला पार्षद के खिलाफ दर्ज एफआईआर में भी पार्टी का समर्थन नहीं दिखा।
इससे साफ है कि मुद्दों से ज्यादा बयानबाज़ी ही कांग्रेस में राजनीति का केंद्र बन चुकी है।
