Chhattisgarh | स्कूल नहीं, रील स्टूडियो ! अभनपुर में वायरल वीडियो से मचा हड़कंप ..

Chhattisgarh | Not a school, but a reel studio! A viral video created a stir in Abhanpur…
अभनपुर, रायपुर, 4 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के अभनपुर ब्लॉक स्थित परसदा (सोंठ) शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अश्लील गानों पर रील्स बनाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से हड़कंप मच गया है। वीडियो में युवक-युवतियां “शुरू हो जातिस मया के कहानी” और “जीना हे त पीना हे” जैसे फूहड़ गानों पर डांस करते दिख रहे हैं – वह भी स्कूल परिसर के अंदर।
यह घटना शिक्षा के मंदिर को शर्मसार करने वाली मानी जा रही है, जिससे न केवल विद्यालय की छवि को नुकसान पहुंचा है बल्कि शिक्षा व्यवस्था और अनुशासन पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं।
मामला दबाने की कोशिश, लेकिन वायरल वीडियो से फूटी सच्चाई –
जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, स्कूल प्रशासन और शाला विकास समिति ने आनन-फानन में बैठक बुलाकर इसे रफा-दफा करने की कोशिश की। वीडियो बनाने वाले छात्रों को बुलाकर समझाइश दी गई और उनसे इंस्टाग्राम से वीडियो डिलीट भी करवा दिया गया। ग्राम स्तर पर भी इस मुद्दे को दबाने के प्रयास किए गए, लेकिन वीडियो के वायरल होते ही मामला तूल पकड़ गया।
DEO का बयान, जांच के बाद कार्रवाई तय –
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. विजय खंडेलवाल ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा – “स्कूल में इस तरह का रील बनाना गलत है, किसी को अनुमति नहीं दी गई थी। वीडियो देख लिया है, यह अस्वीकार्य है। जांच करवाई जाएगी और जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।”
स्कूल का बचाव, छुट्टी वाले दिन शूट हुआ वीडियो –
स्कूल के प्राचार्य हरिशंकर साहू ने सफाई देते हुए कहा कि वीडियो रविवार को शूट हुआ, जब स्कूल में प्लंबिंग का काम चल रहा था। उन्होंने बताया कि युवाओं को बुलाकर माफीनामा लिखवाया गया और भविष्य में ऐसा न करने की कड़ी चेतावनी दी गई है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले –
यह कोई पहली घटना नहीं है। इसी ब्लॉक के एक अन्य स्कूल में योग दिवस के मौके पर ‘जीना हे त पीना हे’ गाने पर बच्चों से योग कराने का वीडियो भी वायरल हुआ था। ऐसे लगातार मामलों से शिक्षा विभाग की गंभीरता और निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
सवाल जो शिक्षा व्यवस्था पर उठते हैं –
स्कूल परिसर में रील बनाने की इजाज़त किसने दी?
क्या शिक्षकों की उपस्थिति और निगरानी में कमी है?
छात्रों के नैतिक विकास पर इसका क्या असर होगा?
स्कूलों की गरिमा और अनुशासन को बहाल करने के लिए क्या उपाय होंगे?
रील्स का नशा, शिक्षा का पतन –
विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया पर रील्स बनाने का जुनून छात्रों को अनुशासनहीनता और भटकाव की ओर ले जा रहा है। यह न केवल उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को प्रभावित करता है, बल्कि नैतिक मूल्यों को भी कमजोर करता है।
जांच जारी, कार्रवाई का इंतजार –
DEO ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या प्रशासन इस पर सख्त और उदाहरणात्मक कार्रवाई करता है, जिससे सरकारी स्कूलों की गरिमा फिर से बहाल हो सके।