June 28, 2025

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Chhattisgarh | पूरे प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी …

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Chhattisgarh | The series of rains continues in the entire state…

रायपुर, 31 मई 2025। छत्तीसगढ़ में मानसून ने इस साल 16 दिन पहले ही दस्तक दे दी है और अब पूरे प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी है। राजधानी रायपुर में देर रात से लेकर सुबह तक तेज बारिश हुई, जिससे मौसम सुहावना हो गया है। दुर्ग में भी बारिश के बाद ठंडक का अहसास हो रहा है। वहीं मौसम विभाग ने अगले तीन घंटे के लिए रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, रायपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, कोंडागांव, बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।

बारिश की रफ्तार हो सकती है धीमी

मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले एक सप्ताह से हो रही तेज बारिश की रफ्तार अब से धीमी हो सकती है। हालांकि, शाम के समय कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

दंतेवाड़ा में रिकॉर्डतोड़ बारिश

मई महीने में छत्तीसगढ़ के 24 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है। दंतेवाड़ा में सबसे ज्यादा 2788% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। सिर्फ चार जिलों में ही औसत से कम बारिश हुई है, जबकि गौरला-पेंड्रा-मरवाही के आंकड़े अभी तक नहीं आए हैं।

बस्तर संभाग के जिलों में बारिश का अनुमान

आज प्रदेश के बस्तर संभाग के सभी जिलों में कुछ जगहों पर बारिश हो सकती है। बाकी जिलों के भी एक-दो स्थानों पर बारिश होने की संभावना जताई गई है।

बारिश के उतार-चढ़ाव का ग्राफ

शनिवार को सिर्फ 12 इलाकों में बारिश हुई।

रविवार को 50 से ज्यादा इलाकों में बारिश दर्ज की गई।

सोमवार को 17, मंगलवार को 27, बुधवार को 74, गुरुवार को 27, और शुक्रवार को 25 इलाकों में बारिश दर्ज हुई।

पिछले 24 घंटों में मुंगेली का तापमान सबसे ज्यादा 38.6°C, जबकि पेंड्रा का सबसे कम 23.0°C रहा।

सुरक्षित रहने के उपाय

मौसम विभाग ने बारिश और बिजली गिरने के दौरान सावधानी बरतने की अपील की है:

गड़गड़ाहट सुनते ही घर या पक्के आश्रय में शरण लें।

अगर आश्रय नहीं मिले तो जमीन पर उकड़ू बैठ जाएं।

पेड़ के नीचे न रुकें।

बिजली के तार और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बनाए रखें।

लंबा रह सकता है मानसून

मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल मानसून 24 मई को ही केरल पहुंच गया, जो सामान्य तारीख से 8 दिन पहले है। अगर मानसून की वापसी सामान्य समय (15 अक्टूबर) पर होती है तो इसकी अवधि 145 दिनों की होगी। ब्रेक की स्थिति न आने पर मानसून की जल्दी दस्तक का फायदा मिल सकता है।

 

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