April 19, 2025

The News Wave

सच से सरोकार

Chhattisgarh | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास को मिल रही है नई दिशा

Spread the love

Chhattisgarh | Industrial development in Bastar division is getting a new direction under the leadership of Chief Minister Vishnudev Sai

रायपुर 15 अप्रैल 2025। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में विशेष प्रावधान किए गए हैं।  आज जगदलपुर में आयोजित विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में बस्तर संभाग के विकास में उद्योगों की भूमिका को लेकर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा की नई औद्योगिक  नीति के तहत बस्तर संभाग में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ खनिज आधारित, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन उद्योगों की असीमित संभावनाओं को साकार करने का रोडमैप तैयार किया गया है।

बस्तर के औद्योगिक परिदृश्य को देखें तो वर्तमान में बस्तर संभाग में 690 MSME इकाइयाँ संचालित हैं। बस्तर संभाग के 3 प्रमुख सेक्टर्स में चावल मिल, ईंट निर्माण और धातु निर्माण उद्योग शामिल हैं। एनएमडीसी माइनिंग, एनएमडीसी स्टील, एस्सार, ब्रज इस्पात और ए एम एन एस इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियाँ यहाँ स्थापित हैं। संभाग से लगभग 102 करोड़ रुपये का निर्यात होता है, जिसमें लौह अयस्क की हिस्सेदारी सर्वाधिक है।

विकसित बस्तर की ओर बढ़ने के लिए औद्योगिक नीति 2024-30 के अनुसार बस्तर संभाग के विकास के लिए 32 में से 28 विकासखंडों को समूह 3 के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, ताकि उद्योगों को अधिकतम प्रोत्साहन मिले।  इस्पात उद्योग के लिए 15  वर्षों तक रॉयल्टी प्रतिपूर्ति का प्रबंध है।

विकास की मुख्य धारा में बस्तर को जोड़ने के लिए नई औद्यौगिक नीति में आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने के लिए रोजगार सब्सिडी का प्रावधान है जिसमे 5 वर्षों तक शुद्ध वेतन का 40% का प्रावधान है। अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए 10% अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान है। युवाओं के लिए प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति तथा मार्जिन मनी सब्सिडी का प्रावधान है जिसमे अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित व्यक्तियों द्वारा स्थापित नए MSME के लिए 25% तक कि सब्सिडी है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में विकसित बस्तर की ओर का रोडमैप  तैयार करने के लिए भूमि बैंक प्रबंधन को मजबूत करना और व्यापार को आसान बनाना शामिल है। स्थानीय उद्योगों (वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प) के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना, विशेष रूप से जनजातीय युवाओं और महिला उद्यमिता पर फोकस किया जा रहा है।  इस्पात, धातु प्रसंस्करण, कृषि, वनोपज आधारित उद्योग और हर्बल-औषधीय उत्पादों के लिए क्लस्टर की स्थापना की जा रही है। ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में सभी मौसमों के लिए उपयुक्त सड़कों का निर्माण और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के साथ एकीकरण का काम हो रहा है।  स्टार्टअप्स के लिए समर्थन हेतु नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ संचालित की जा रही है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि
आने वाले समय में पूरी तरह से शांति कायम हो जाएगी और नक्सलवाद का पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें बस्तर के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करना होगा ताकि विकसित बस्तर की ओर हम बढ़ सकें। यहां उद्योग के लिए उचित वातावरण है और हमने उद्योगों लिए नई औद्यौगिक नीति में विशेष प्रावधान भी किए है।

श्री साय ने कहा कि बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास के साथ-साथ स्थानीय युवाओं, महिलाओं और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करना हमारी प्राथमिकता है। यह नीति बस्तर को औद्योगिक और आर्थिक समृद्धि की नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि वन संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करके हम स्थानीय लोगों को समृद्ध बना सकते है और हमारी सरकार महुआ आधारित उद्योग पर भी विशेष ध्यान देगी।

जगदलपुर में आयोजित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप, विधायक श्री किरण सिंह देव, श्री विनायक गोयल, प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, संबंधित विभागों के सचिव, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य,  बस्तर संभाग में स्थापित उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *