BANNED : क्यों बैन हुए 59 चीनी ऐप, कैसे लगेगी पाबंदी, क्या होगा असर ???, क्या छीन गया लोगों का रोजगार???, पाए अपने इन्हीं सवालों के जवाब…
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नई दिल्ली । भारत सरकार ने 59 मोबाइल ऐप पर बैन लगा दिया है। देश की रक्षा, सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता और लोगों की निजता का हवाला देते हुए ये सभी ऐप बैन किए गए हैं। इनमें टिकटॉक (TikTok) जैसे मशहूर चाइनीज ऐप भी शामिल हैं। साथ ही शेयरइट (Shareit) और कैम स्कैनर (Camscanner) जैसे उपयोगी ऐप भी बैन कर दिए गए हैं।
अब सवाल ये है कि ये ऐप किस तरह बैन किए जाएंगे। क्या सिर्फ नए ऐप डाउनलोड करने की सुविधा खत्म की जाएगी या मोबाइल में पहले से ही मौजूद ऐप भी काम करना बंद कर देंगे। सरकार के फैसले के हिसाब से समझते हैं कि अब आगे क्या होगा। 10 प्वाइंट में समझें, क्यों लिया गया ये फैसला, कैसे होगा लागू और क्या होगा इसका असर….
1- आईटी एक्ट की धारा 69-A के तहत केंद्र सरकार ने ये फैसला किया है। सरकार ने कहा है कि ये ऐप भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा थे, इसलिए मोबाइल और नॉन-मोबाइल इंटरनेट डिवाइस में इन्हें बैन किया गया है। यानी मोबाइल के अलावा किसी अन्य माध्यम से भी इन ऐप्स को इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
2- सूचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि उन्हें मोबाइल ऐप के गलत इस्तेमाल की जानकारी मिल रही थी। यूजर्स का डाटा भारत से बाहर ट्रांसफर किया जा रहा था, इसलिए ये बैन लगाया गया है।
3- टेलीग्राफ ऐक्ट के तहत संचार मंत्रालय इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को किसी भी वेबसाइट/ऐप का डेटा रोकने को कह सकता है। इन सभी ऐप का डेटा अगले एक-दिन में रोक दिया जाएगा। गूगल प्ले स्टोर/ऐप स्टोर से ये ऐप हटा दी गई हैं, इनके अपडेट भी नहीं मिलेंगे।
4- डेटा रोकने पर यूज़र्स को फ़ीड मिलनी बंद हो जाएगी और केवल पुराने वीडियो ही दिखेंगे. चीन में इसी तरह गूगल/फेसबुक पर रोक लगी है। दुबई में वॉट्सऐप पर चैट हो सकती है, कॉल नहीं। साथ ही ये भी बता दें कि ये प्रतिबंध अंतरिम है।
5- अब मामला एक समिति के पास जाएगा. मंत्रालय के संयुक्त सचिव इसके अध्यक्ष हैं। अन्य मंत्रालयों के प्रतिनिधि इसमें शामिल हैं। प्रतिबंधित ऐप समिति के सामने अपना पक्ष रख सकती हैं। इसके बाद समिति तय करेगी कि प्रतिबंध जारी रखा जाए या हटा दिया जाए।
6- गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में इन ऐप के उन दावों का खंडन किया था जिनमें कहा गया था कि सर्वर सिंगापुर में हैं और डेटा चीन नहीं जाता। जबकि Apple की रिपोर्ट में भी कहा गया था कि इन ऐप पर डेटा सुरक्षित नहीं है।
7- सरकार के आदेश के बाद ऐप हटने शुरू हो गए हैं. टिकटॉक ने भी अपनी सफाई में कहा है कि वो इस पर काम कर रहे हैं। साथ ही टिकटॉप ने ये भी कहा है कि किसी भारतीय यूजर की जानकारी अन्य देश, जिसमें चीन भी शामिल है, को नहीं दी गई है। प्ले स्टोर और ऐप स्टोर से टिकटॉक हट गया है।
8- 59 ऐप बैन होने का भारतीय यूजर्स पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा। क्योंकि इनमें सभी तरह के ऐप शामिल हैं। कुछ ऐप लोगों के एंटरटेनमेंट के लिए हैं तो कुछ का इस्तेमाल प्रोफेशनल लेवल भी किया जाता है। कुछ ऐप ऐसे भी हैं जो आपका काम आसान बनाते हैं। टिकटॉक के फिलहाल 100 मिलियन एक्टिव यूजर्स हैं। साथ ही Helo, Like जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी बड़ी तादाद में भारतीय यूजर्स हैं।
9- ये ऐप भले ही चीनी हों, लेकिन इनसे भारतीय लोगों का रोजगार भी चलता है। ज्यादतार ऐप के भारत में ऑफिस हैं और बड़ी संख्या में वहां लोगों को रोजगार मिला है। ऐसे में जबकि कोरोना संकट काल में देश बेरोजगारी की समस्या से पहले ही जूझ रहा है, वैसे में इन ऐप कंपनी से जुड़े लोगों की नौकरी पर भी संकट के बादल छा गए हैं।
10- एक सवाल ये है कि क्या इन ऐप पर बैन परमानेंट होगा या कुछ वक्त के लिए। अब ये कमेटी तय करेगा। प्रतिबंध ऐप अपना जवाब देंगे, जिस पर विचार के बाद आगे फैसला लिया जाएगा। बता दें कि मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर पिछले साल कुछ दिन के लिए टिकटॉक पर बैन लगाया गया था, लेकिन कोर्ट का आदेश हटते ही ऐप वापस आ गया था।