Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़ा उलटफेर तय ? देवेंद्र यादव की रिहाई और राहुल गांधी से मुलाकात के सियासी संकेत
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Chhattisgarh | Big upset decided in Chhattisgarh Congress? Political indications of Devendra Yadav’s release and meeting with Rahul Gandhi
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव के हालिया बयान ने इन चर्चाओं को और हवा दे दी है। इसी बीच, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने और जेल से छूटने के तुरंत बाद दिल्ली पहुंचकर राहुल गांधी से मुलाकात करने से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) का अगला अध्यक्ष देवेंद्र यादव होंगे?
भिलाई में भव्य स्वागत, समर्थकों की उमड़ी भीड़ –
बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट में हुए अग्निकांड मामले में 7 महीने तक रायपुर सेंट्रल जेल में बंद रहे देवेंद्र यादव जब सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर आए, तो उनके समर्थकों की भारी भीड़ जेल के बाहर जमा हो गई। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर हाथ में लिए उनका संबोधन प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया। भिलाई में उनके स्वागत में बजे नगाड़ों की गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दी। उनके निवास पर मिलने वालों का तांता उनकी लोकप्रियता और मजबूत जनाधार को दर्शाता है।
राहुल गांधी से सीधी मुलाकात—क्या यह बड़ा संकेत है? –
रिहाई के बाद प्रदेश के कांग्रेस नेता किनारे ही नजर आए, लेकिन देवेंद्र यादव सीधे दिल्ली पहुंचे और राहुल गांधी से मुलाकात की। इतना ही नहीं, उन्होंने सोनिया गांधी के स्वास्थ्य का भी हाल जाना। इस मुलाकात के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं क्या यह संकेत है कि प्रदेश कांग्रेस की कमान अब उनके हाथों में आ सकती है?
दीपक बैज की कुर्सी खतरे में? –
प्रदेश कांग्रेस में लगातार हो रही हार और असंतोष के चलते वर्तमान पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज की कुर्सी खतरे में पड़ती दिख रही है। पंचायत, नगर निगम और निकाय चुनावों में कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ है। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि दीपक बैज संगठन को प्रभावी ढंग से नहीं संभाल पा रहे हैं, जिससे जिला स्तर के नेता स्वयंभू फैसले ले रहे हैं और कांग्रेस कमजोर होती जा रही है।
युवा, जुझारू और जमीनी नेता की जरूरत –
छत्तीसगढ़ कांग्रेस को अब एक ऊर्जावान, संघर्षशील और गुटबाजी से दूर रहने वाले नेता की जरूरत है। देवेंद्र यादव की छवि एक बेबाक, जुझारू और युवाओं में लोकप्रिय नेता की बनी हुई है। वे दुर्ग-भिलाई में छात्र नेता से लेकर महापौर और विधायक तक का सफल सफर तय कर चुके हैं। उन्होंने बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में सांसद चुनाव में भी कड़ा मुकाबला दिया था।
भूपेश बघेल के केंद्रीय राजनीति में जाने के बाद कांग्रेस की चुनौती बढ़ी –
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राष्ट्रीय राजनीति में जाने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए चुनौती और बढ़ गई है। हालांकि उन्होंने साफ कहा है कि वे छत्तीसगढ़ नहीं छोड़ रहे, लेकिन उनके समर्थकों में बेचैनी बनी हुई है। अगर पीसीसी चीफ का पद ऐसा नेता संभालता है, जो सभी गुटों को साथ लेकर चल सके, तो कांग्रेस को मजबूती मिल सकती है।
कांग्रेस हाईकमान कब करेगा फैसला? –
अब सबकी नजरें कांग्रेस हाईकमान पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या देवेंद्र यादव को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जाती है या फिर हाईकमान कोई और फैसला लेता है। एक बात तय है कि प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव अपरिहार्य हो गया है। अब यह बदलाव कब होगा और कौन इसकी कमान संभालेगा, यह जल्द ही स्पष्ट होगा।