Chhattisgarh | 12 फरवरी से छत्तीसगढ़ के ‘छोटे प्रयागराज’ में होगी कुंभ की शुरुवात
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Chhattisgarh | Kumbh will start from 12th February in ‘Chhote Prayagraj’ of Chhattisgarh.
रायपुर। प्रयागराज में महाकुंभ के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी ‘छोटे प्रयागराज’ के रूप में प्रसिद्ध राजिम कुंभ का शुभारंभ 12 फरवरी माघ पूर्णिमा से होगा। यह धार्मिक मेला 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु महानदी, सोंढूर और पैरी नदी के त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान करेंगे।
राजिम कुंभ : साधु-संतों के सान्निध्य में होगा शाही स्नान
इस आयोजन के दौरान माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि पर शाही स्नान किया जाएगा, जिसमें देशभर के साधु-संत भाग लेंगे। श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ी संस्कृति से ओत-प्रोत लोक गीत, नृत्य, प्रवचन और अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों में माघ मेले की धूम
छत्तीसगढ़ के कई स्थानों पर भी माघ पूर्णिमा मेले का आयोजन किया जाता है :
राजिम त्रिवेणी संगम (50 किमी दूर) – छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा धार्मिक मेला
रायपुर (हटकेश्वर महादेव मंदिर, खारुन नदी तट)
धमतरी (रुद्री गांव, 70 किमी दूर)
राजनांदगांव (मोहारा बांध, 65 किमी दूर)
महासमुंद (खल्लारी, 70 किमी दूर)
माघ पूर्णिमा: पुण्य स्नान का महत्व
मान्यता है कि माघ पूर्णिमा पर संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है। श्रद्धालु ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर हटकेश्वर महादेव के दर्शन के लिए लंबी कतार में खड़े रहते हैं।
52 एकड़ क्षेत्र में लगेगा राजिम कुंभ मेला
इस बार मेले को भव्य रूप दिया जा रहा है:
– हेलीपैड निर्माण
– गंगा आरती स्थल से मेला स्थल तक कनेक्टिंग रोड
– दुकानें, विभागीय स्टॉल, मीना बाजार, पार्किंग, अस्थाई शौचालय, पेयजल, लाइटिंग, सीसीटीवी कंट्रोल रूम
14वीं सदी से जारी है यह परंपरा –
राजिम कुंभ का इतिहास 14वीं सदी से जुड़ा है, जब राजा ब्रह्मदेव ने संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होने पर हटकेश्वर महादेव की पूजा की थी। उन्होंने भव्य आयोजन कर प्रजा के लिए भोजन, नाच-गाना और झूलों की व्यवस्था की थी। तब से हर साल कार्तिक पूर्णिमा, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि पर यह मेला लगता है।
राजिम कुंभ 2025 में आस्था, संस्कृति और परंपराओं का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।