Chhattisgarh | मस्जिदों में भाषण पर प्रतिबंध ! वक्फ बोर्ड के फैसले से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी
1 min readChhattisgarh | Ban on speech in mosques! Resentment in Muslim community due to Waqf Board’s decision
रायपुर। छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड के नए दिशा-निर्देश पर विवाद बढ़ता जा रहा है। मस्जिदों में जुमे की नमाज से पहले खुतबा देने वाले इमामों को अब वक्फ बोर्ड से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा, यदि वे धार्मिक तकरीर के अलावा कोई और विषय उठाते हैं। इस फैसले के खिलाफ आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
ओवैसी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार के भाजपाई अब उन्हें दीन सिखाएंगे, और वक्फ बोर्ड के पास ऐसी कोई कानूनी ताकत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह संविधान की धारा 25 का उल्लंघन होता है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने ओवैसी के बयान का कड़ा जवाब दिया है, कहा है कि इस प्रदेश में किसी भी धर्म से ऊपर संविधान है। पंकज झा ने ओवैसी को चुनौती दी कि वे छत्तीसगढ़ के मामलों में हस्तक्षेप न करें।
इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भी वक्फ बोर्ड के निर्देश को असंवैधानिक करार देते हुए कहा है कि वक्फ बोर्ड का काम वक्फ की संपत्तियों की देखभाल करना है, न कि मस्जिदों में दिए जाने वाले भाषणों की मंजूरी देना।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और भाजपा नेता डॉ. सलीम राज के इस विवादास्पद आदेश को लेकर मुस्लिम समुदाय में नाराजगी फैल गई है। उन्हें आरोपित किया जा रहा है कि वे धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप कर रहे हैं। हालांकि, वक्फ बोर्ड का कहना है कि यह कदम प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।